Republic Day 2024 Parade Live: गणतंत्र दिवस के अवसर पर निकाली गई झांकियों में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की झांकी बेहद आकर्षक रही और इसमें चंद्रयान-3, आदित्य एल-1 को प्रमुखता दी गई। झांकी में इसरो के विभिन्न मिशनों में महिला वैज्ञानिकों की भागीदारी को भी प्रदर्शित किया गया। इसरो अगले वर्ष भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान को अंजाम देने की योजना बना रहा है। इस झांकी में ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3’ का एक मॉडल पेश किया गया जिसके जरिए चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा से चंद्रमा तक भेजा गया था। राफेल विमान कर्तव्य पथ के उत्तर में जल चैनल के ऊपर 900 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरा।
झांकी में अंतरिक्ष यान के चंद्रमा में उतरने के स्थान को भी दर्शाया गया। इस स्थान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिव शक्ति प्वाइंट नाम दिया है। इसरो की झांकी में सूरज के अध्ययन के लिए निचली कक्षा में भेजे गए आदित्य एल-1 को भी प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा इसरो के भविष्य के मिशन गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन आदि को भी झांकी में स्थान दिया गया।
गणतंत्र दिवस: सीएसआईआर की झांकी में दिखी ‘बैंगनी क्रांति’ की झलक
जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह में हो रही ‘बैंगनी क्रांति’ को शुक्रवार को गणतंत्र दिवस परेड में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की झांकी में महत्पपूर्ण स्थान मिला। सीएसआईआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया ‘बैंगनी क्रांति’ भारत की वैज्ञानिक शक्ति और भद्रवाह व आसपास के क्षेत्रों के उन किसानों की मेहनत की भावना को प्रदर्शित करती है, जो पिछले कुछ वर्षों में उद्यमी बन गए हैं।
लैवेंडर के फूलों से सजी मनमोहक झांकी जम्मू में सीएसआईआर-‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन’ में लैवेंडर की एक विशिष्ट किस्म के विकास, इसकी खेती और तेल, इत्र एवं अगरबत्ती बनाने के लिए इसके प्रसंस्करण की कहानी बयां कर रही थी। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने अक्सर ‘बैंगनी क्रांति’ को लैवेंडर को प्रयोगशाला से बाजार तक ले जाने और भारत में कृषि-स्टार्टअप की एक नई संस्कृति को विकसित करने के एक उदाहरण के तौर पर पेश किया है।
सीएसआईआर की झांकी में सीएसआईआर तथा ‘सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, दुर्गापुर’ द्वारा विकसित भारत के पहले महिला-अनुकूल कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का भी प्रदर्शन किया गया। झांकी में लैवेंडर के फूलों से तेल निकालने की इकाई को भी प्रदर्शित किया गया। लैवेंडर तेल कम से कम 10,000 रुपये प्रति लीटर की दर से बिकता है।
निर्वाचन आयोग की झांकी में दिखी भारत के चुनावी प्रक्रिया की ताकत
गणतंत्र दिवस की परेड में शुक्रवार को कर्तव्य पथ पर निर्वाचन आयोग की झांकी निकाली गई जिसमें ‘‘भारत-लोकतंत्र की जननी’’ का चित्रण किया गया। लोकसभा चुनाव को लोगों और सामग्री की आवाजाही के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया माना जाता है। इस झांकी में देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी, सुलभ और भागीदारीपूर्ण चुनावों के संचालन को दर्शाया गया।
झांकी के सामने स्याही लगी एक उंगली को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का एक बटन दबाते हुए दिखाया गया। इसमें लोकसभा चुनाव के बड़े स्तर को भी दर्शाने का प्रयास किया गया जो कुछ महीने बाद होने वाला है। लोकसभा चुनाव में लगभग 96 करोड़ लोग 12 लाख मतदान केंद्रों पर अपना वोट डालने के पात्र होंगे।
मतदान कराने के लिए करीब डेढ़ करोड़ कर्मी तैनात किये जायेंगे। झांकी में देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करते हुए समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को एक कतार में खड़े दिखाया गया है। झांकी के पिछले हिस्से में ‘‘कोई मतदाता न छूटे’’ की दिशा में चुनाव आयोग के प्रयास को प्रदर्शित किया गया।
परेड में शामिल हुए प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार के विजेता
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं ने शुक्रवार को 75वीं गणतंत्र दिवस परेड में नवाचार, साहस और उत्कृष्टता से भरपूर अपनी उपलब्धियों और प्रतिभा की झलक प्रस्तुत की। इस वर्ष के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 19 बच्चों को प्रदान किए गए हैं जिनमें नौ लड़के और 10 लड़किया हैं।
18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के इन बच्चों को असाधारण वीरता, रचनात्मक शक्ति, नवाचार वाली सोच और निस्वार्थ सेवाओं के लिए पुरस्कृत किया गया है। ये पुरस्कार छह श्रेणियों में प्रदान किए गए जिनमें कला और संस्कृति श्रेणी में सात बच्चों को, वीरता श्रेणी में एक बच्चे को, नवाचार श्रेणी में एक बच्चे को, विज्ञान और प्रौद्योगिकी श्रेणी में एक बच्चे को, समाज सेवा श्रेणी में चार बच्चों को और खेल श्रेणी में पांच बच्चों को सम्मानित किया गया। इन बच्चों ने गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया और लोगों का अभिवादन किया।