पीएम मोदी चाहते हैं आडवाणी लड़ें 2019 में लोक सभा चुनाव, घर जाकर की मुलाकात: रिपोर्ट
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 5, 2018 07:57 PM2018-06-05T19:57:08+5:302018-06-05T20:01:59+5:30
बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी गुजरात के गांधीनगर से लोक सभा सांसद हैं। आडवाणी बीजेपी के मार्गदर्शक मण्डल के भी सदस्य हैं।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संस्थापक सदस्य और देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी आजकल राजनीतिक रूप से ज्यादा चर्चा में नहीं रहते। आडवाणी गुजरात के गांधीनगर से सांसद हैं लेकिन बीजेपी ने उन्हें मार्गदर्शक मण्डल में डाल रखा है। इसके बाद माना जा रहा था कि 90 वर्षीय आडवाणी का राजनीतिक करियर अब अवसान की तरफ बढ़ चला है लेकिन ताजा मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बीजेपी के लौहपुरुष 2019 के लोक सभा चुनाव में भी पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं। बांग्ला अखबार आनन्द बाजार पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आडवाणी के घर जाकर उनसे अगला लोक सभा चुनाव लड़ने की अपील की है। आनन्दबाजार पत्रिका ने दावा किया है कि पीएम मोदी ने आडवाणी से उनके पृथ्वीराज रोड स्थित आवास पर जाकर मुलाकात की। पत्रिका का दावा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी आडवाणी से अगला आम चुनाव लड़ने की अपील की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बीजेपी ने अघोषित रूप से नियम बना रखा है कि 75 साल से अधिक उम्र वाले राजनेता सक्रिय राजनीति में भागीदारी करने के बजाय संगठन का मार्गदर्शन करें। आडवाणी के अलावा कानपुर से सांसद मुरली मनोहर जोशी को भी बीजेपी ने मार्गदर्शक मण्डल का सदस्य बनाया था। मार्गदर्शक मण्डल का गठन बीजेपी गठबंधन के साल 2014 में सत्ता के आने के बाद किया गया था। मार्गदर्शक मण्डल में कुल पाँच सदस्य अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह हैं। अाज तक इसकी एक भी बैठक नहीं हुई है। वाजपेयी जी स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय जीवन से पूरी तरह दूर हो चुके हैं। हालांकि कभी बीजेपी की त्रिमूर्ति के दो मूर्तियाँ आडवाणी और जोशी अभी सक्रिय हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी आडवाणी के राजनीतिक शिष्य माने जाते थे। कहा जाता है कि साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नरेंद्र मोदी को गुजरात के सीएम पद से हटाना चाहते थे लेकिन आडवाणी ने उन्हें रोक लिया था। पीएम बनने से पहले और बाद भी पीएम नरेंद्र मोदी ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर आडवाणी का पैर छुआ था। लेकिन बीते कुछेक सालों में कई कार्यक्रमों में पीएम मोदी आडवाणी को नजरअंदाज करते नजर आए। मोदी को आडवाणी को इग्नोर करने के कुछ वीडियो तो सोशल मीडिया पर वायरल हो गये थे।
साल 2009 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी ने लालकृष्ण आडवाणी को चेहरा बनाकर आम चुनाव लड़ा था लेकिन बीजेपीनीत एनडीए बहुमत नहीं हासिल कर सका था। वहीं साल 2004 को लोक सभा चुनाव में बीजेपी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था लेकिन वो सत्ता से बाहर हो गयी थी। 2004 में कांग्रेसनीत यूपीए की केंद्र में सरकार बनी थी और मनमोहन सिंह पीएम बने थे।
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