धर्म परिवर्तन कानून विवाह के साथ साथ सह-जीवन संबंध पर भी लागू, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अंतरधार्मिक युगल की पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की अपील खारिज की, जानें कहानी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 14, 2024 05:58 PM2024-03-14T17:58:52+5:302024-03-14T17:59:54+5:30

उल्लेख करना उचित है कि उत्तर प्रदेश गैर कानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 पांच मार्च, 2021 को प्रभावी हुआ जिसके बाद अंतरधार्मिक युगल के लिए इस कानून के प्रावधानों के मुताबिक धर्म परिवर्तन के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।

religious conversion law applies to marriage as well as co-habitation Allahabad High Court rejects interfaith couple's appeal provide police protection | धर्म परिवर्तन कानून विवाह के साथ साथ सह-जीवन संबंध पर भी लागू, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अंतरधार्मिक युगल की पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की अपील खारिज की, जानें कहानी

file photo

Highlightsयाचिकाकर्ता ने ‘‘धर्म परिवर्तन के लिए आवेदन नहीं किया है।” धर्म परिवर्तित नहीं कराएगा या ऐसा कराने का प्रयास नहीं करेगा।विवाह के पंजीकरण के लिए सक्षम अधिकारी के पास ऑनलाइन आवेदन किया है जो कि लंबित है।

प्रयागराजः हिंदू-मुस्लिम युगल को उनके जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा देने की मांग खारिज करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि धर्म परिवर्तन कानून विवाह के साथ साथ सह-जीवन संबंध पर भी लागू होता है। न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल ने एक अंतरधार्मिक युगल की पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की अपील खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। दोनों ने अभी तक धर्म परिवर्तन कानून की धारा आठ और नौ के प्रावधानों के तहत आवेदन नहीं किया है। अदालत ने कहा, “यहां यह उल्लेख करना उचित है कि उत्तर प्रदेश गैर कानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 पांच मार्च, 2021 को प्रभावी हुआ जिसके बाद अंतरधार्मिक युगल के लिए इस कानून के प्रावधानों के मुताबिक धर्म परिवर्तन के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।

मौजूदा मामले में दोनों में से किसी भी याचिकाकर्ता ने ‘‘धर्म परिवर्तन के लिए आवेदन नहीं किया है।” इस अधिनियम की धारा 3 (1) के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति बहका कर, जबरदस्ती, अनुचित प्रभाव, दबाव, लालच या अन्य किसी धोखाधड़ी से किसी दूसरे व्यक्ति का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से धर्म परिवर्तित नहीं कराएगा या ऐसा कराने का प्रयास नहीं करेगा।

मामले के तथ्यों के मुताबिक, दोनों याचिकाकर्ता वयस्क हैं और एक दूसरे से प्रेम होने के बाद इन्होंने एक जनवरी, 2024 को आर्य समाज रीति के अनुसार विवाह किया और विवाह के पंजीकरण के लिए सक्षम अधिकारी के पास ऑनलाइन आवेदन किया है जो कि लंबित है।

हालांकि, इन्होंने गैर कानूनी धर्म परिवर्तन रोधी अधिनियम की धारा आठ और नौ के प्रावधानों के मुताबिक धर्म परिवर्तन के लिए अभी तक आवेदन नहीं किया है। अदालत ने पांच मार्च को दिए अपने निर्णय में कहा, “यदि कानून के प्रावधानों में अस्पष्टता होती है तो निश्चित तौर पर अदालतों को उन प्रावधानों की व्याख्या करने का अधिकार है, लेकिन उपरोक्त कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि परिवर्तन ना केवल अंतर-धार्मिक विवाहों के मामले में आवश्यक है, बल्कि विवाह की प्रकृति के संबंध में भी यह आवश्यक है।”

Web Title: religious conversion law applies to marriage as well as co-habitation Allahabad High Court rejects interfaith couple's appeal provide police protection

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