रविदास मंदिर मामला: दिल्ली सरकार ने कहा- DDA के प्रस्ताव के बाद ही भूमि उपयोग बदला जा सकता है
By भाषा | Published: August 24, 2019 05:18 AM2019-08-24T05:18:21+5:302019-08-24T05:18:21+5:30
रविदास मंदिर को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 10 अगस्त को डीडीए ने तोड़ दिया था। पर्यावरण मंत्री ने बयान में नियमों का हवाला देकर कहा कि दिल्ली सरकार, भूमि को गैर-वन उपयोग में बदलने के लिए डीडीए से प्रस्ताव मिलने के बाद ही उसे केंद्र सरकार को भेज पाएगी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलौत ने शुक्रवार को कहा कि सरकार रविदास मंदिर की भूमि की श्रेणी बदलने की प्रक्रिया तभी शुरू कर सकेगी, जब डीडीए इस बाबत प्रस्ताव भेजे। गहलौत ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास फिलहाल इस तरह का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है।
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने बृहस्पतिवार को कहा था कि दिल्ली सरकार उस जमीन को वन श्रेणी से हटा कर मंदिर के पुन: निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है जहां रविदास मंदिर बना हुआ था। उनकी टिप्पणी की पृष्ठभूमि में पर्यावरण मंत्री ने विधानसभा में उक्त बयान दिया।
सदन को संबोधित करते हुए गहलौत ने गुप्ता पर इस मुद्दे पर दिल्ली के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। रविदास मंदिर को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 10 अगस्त को डीडीए ने तोड़ दिया था। पर्यावरण मंत्री ने बयान में नियमों का हवाला देकर कहा कि दिल्ली सरकार, भूमि को गैर-वन उपयोग में बदलने के लिए डीडीए से प्रस्ताव मिलने के बाद ही उसे केंद्र सरकार को भेज पाएगी।