तीन तलाक के लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पाकिस्तान भी भारत से सीख लेकर तीन तलाक को आपराधिक बनाने पर विचार कर रहा, इसमें कोई राजनीति नहीं है। रविशंकर ने बताया कि विश्व के 22 इस्लामिक मुल्कों ने भी तीन तलाक को नियंत्रित किया गया है, जिसमें कई तरह के प्रावधान जोड़े गए हैं।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''महिलाओं से संबंधित कई अन्य अपराधों में भी सजा का प्रावधान है, उसमें तो किसी को आपत्ति नहीं हुई लेकिन तीन तलाक के मामले में सजा के प्रावधान पर क्यों किसी को आपत्ति हो रही है?"
रविशंकर प्रसाद ने भी कहा कई लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि पीड़ित महिलाओं को भत्ता और मुआवजा कैसे मिलेगा। तो इसके लिए बता दूं ये हमने मजिस्ट्रेट के विवेक पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ये तीन तलाक के विधेयक का मामला सिर्फ मुस्लिम महिलाओं के भले के लिए हैं। इसका मकसद किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं है।
कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा- मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिये
केंद्रीय अल्पंसख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि तीन तलाक संबंधी विधेयक को मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिये है। यह किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं लाया गया है।
नकवी ने कहा कि सती प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिये संसद ने जिस प्रकार का कदम उठाया था, उसी प्रकार से मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की बुराई से न्याय दिलाने के लिये इस विधेयक को सर्व सम्मति से पारित किया जाना चाहिए।
तीन तलाक विधेयक पर लोकसभा में चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए नकवी ने कहा कि करीब तीन दशक पहले मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने के मुद्दे पर संसद में गंभीरता से चर्चा हुई थी, लेकिन कुछ ‘‘कठमुल्लाओं’’ के दबाव में उस समय की कांग्रेस सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को प्रभावित करने के लिए कानून बनाया था।(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)