तीन फिल्मों ने 2 अक्टूबर को 120 करोड़ की कमाई की, कहां है मंदी: रविशंकर प्रसाद
By विनीत कुमार | Published: October 12, 2019 04:59 PM2019-10-12T16:59:54+5:302019-10-12T17:06:13+5:30
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बेरोजगारी पर NSSO की रिपोर्ट को भी गलत ठहराया। रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'वह रिपोर्ट गलत थी। मैं आपको 10 उपयुक्त डाटा देता हूं, इनमें से कोई एक भी उस रिपोर्ट में शामिल नहीं था।'
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आर्थिक मंदी को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दिया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंदी की बात को लगभग नकारते हुए कहा कि फिल्में करोड़ों की कमाई कर रही हैं और ऐसा केवल उसी देश में होता है जहां अर्थव्यवस्था अच्छी हो। साथ ही कानून मंत्री ने बेरोजगारी पर NSSO की रिपोर्ट को भी गलत ठहराया।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तीन फिल्मों ने 2 अक्टूबर को 120 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। रविशंकर प्रसाद ने मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कि देश में मोबाइल, मेट्रो और सड़के बन रही हैं और लोगों को रोजगार मिल रहा है।
मंदी की बात फिल्मों की कमाई से जोड़ते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'मैं अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री था और फिल्मों का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। फिल्में बड़ा बिजनेस कर रही हैं। तीन फिल्में 2 अक्टूबर को रिलीज हुई और फिल्म समीक्षक कोमल नहाटा ने मुझे बताया कि छुट्टी (2 अक्टूबर) के दिन तीनों फिल्मों ने कुल 120 करोड़ की कमाई की। 120 करोड़ उसी देश से आता है जहां की अर्थव्यवस्था अच्छी हो।'
NSSO की रिपोर्ट पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'वह रिपोर्ट गलत थी। मैं आपको 10 उपयुक्त डाटा देता हूं, इनमें से कोई एक भी उस रिपोर्ट में शामिल नहीं था। हमने कभी नहीं कहा कि हम सभी को सरकारी नौकरी देंगे। कुछ लोग सुनियोजित तरीके से भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।'
#WATCH Union Minister Ravi Shankar Prasad in Mumbai: That report (NSSO report on unemployment) is false. I gave you 10 relevant data, not one is present in the report. We never said we will give government jobs to everyone. Few people tried to mislead in a planned fashion. pic.twitter.com/FTGXuhzN19
— ANI (@ANI) October 12, 2019
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का यह बयान उस समय आया है जब देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गयी। यह पिछले सात साल का न्यूनतम स्तर है। विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि उत्पादन की सुस्ती से जीडीपी वृद्धि में यह गिरावट आई है। इसके बाद रिजर्व बैंक ने हालिया मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में 2019-20 के लिये आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.90 प्रतिशत से घटाकर 6.10 प्रतिशत कर दिया।
इन हालात के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हाल ही में कहा था कि आर्थिक नरमी को दूर करने के लिये सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लिये अलग-अलग विशेष उपाय कर रही है। सीतारमण साथ ही निर्यात बेहतर करने, ऋण उपलब्धता आसान बनाने, वेंडरों को जल्दी पुनर्भुगतान कर अधिक धन उपलब्ध कराने और बैंकों में पूंजी डालने समेत अन्य उपायों का संकेत देते हुए कह चुकी हैं कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लिये विशिष्ट उपायों पर गौर कर रही है।