'गाय के गोबर से बनी चिप फोन के रेडिएशन से करती है बचाव', कामधेनु आयोग के अध्यक्ष का दावा
By विनीत कुमार | Published: October 13, 2020 09:26 AM2020-10-13T09:26:01+5:302020-10-13T11:36:55+5:30
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने गाय के गोबर से रेडिएशन कम किए जाने का दावा किया है। साथ ही एक चिप को भी दिखाया गया और कहा गया कि इसे मोबाइल में लगाने से रेडिएशन का असर कम होता है।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (RKA) के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने कहा है कि गाय के गोबर में रेडिएशन के प्रभाव को कम करने की क्षमता है। उन्होंने ये भी दावा किया कि इसे वैज्ञानिक तौर पर साबित भी किया जा चुका है।
गाय के गोबर के फायदे बताते हुए वल्लभभाई ने एक चिप को भी प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा कि ये चिप गाय के गोबर से बनी है और ये मोबाइल इस्तेमाल करते समय मानव को प्रभावित करने वाली रेडिएशन को कम करने में मदद करेगी।
कथीरिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, गाय का गोबर सभी को बचाएगा। ये एंटी-रेडिएशन है। इसे वैज्ञानिक तरीके से साबित किया गया है। गाय के गोबर से बनी चीजों को घर में रखने से रेडिएशन से लोगों को सुरक्षा मिलती है।
चिप को दिखाते हुए कहा गया, 'यह एक रेडिएशन चिप है। अगर इसे अपने मोबाइल में रखते हैं तो यह रेडिएशन को काफी कम कर देता है। अगर आप बीमारी से बचना चाहते हैं, तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।'
#WATCH: Cow dung will protect everyone, it is anti-radiation... It's scientifically proven...This is a radiation chip that can be used in mobile phones to reduce radiation. It'll be safeguard against diseases: Rashtriya Kamdhenu Aayog Chairman Vallabhbhai Kathiria (12.10.2020) pic.twitter.com/bgr9WZPUxK
— ANI (@ANI) October 13, 2020
इस चिप को 'गौसत्व कवच' नाम दिया गया है। इसे गुजरात के राजकोट स्थित श्रीजी गौशाला द्वारा निर्मित किया गया है। बता दें कि RKA मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसे छह फरवरी, 2019 को इस आयोग को स्थापित किया गया था और इसका उद्देश्य 'गायों का संरक्षण और विकास' है। केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा 2019-20 में की गई थी।
'अक्षय कुमार के खाया था गाय का गोबर'
कथीरिया ने आगे कहा, 'आपने कुछ दिन पहले सुना होगा कि एक्टर अक्षय कुमार, उन्होंने गाय का गोबर खाया है। आप भी इसे खा सकते हैं। ये एक दवा की तरह है। लेकिन हम अपना विज्ञान भूल गए हैं।'
उन्होंने साथ ही कहा, 'अब हमने एक शोध परियोजना शुरू की है। हम उन विषयों पर शोध करना चाहते हैं जिन्हें हम एक मिथक मानते हैं।'
गाय के गोबर से बने अन्य उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए उन्होंने कहा, 'गाय का गोबर एंटी-रेडिएशन है, यह सभी की रक्षा करता है, अगर आप इस घर को लाते हैं तो आपका स्थान विकिरण मुक्त हो जाएगा ... यह सब विज्ञान द्वारा अनुमोदित किया गया है।'
50 से 100 रुपये में गाय के गोबर से बना चीप मिलेगा
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार कथिरिया ने कहा, '500 से अधिक गौशालाएं इस तरह के एंटी-रेडिएशन चिप का निर्माण कर रही हैं। ये 50 से 100 रुपये में उपलब्ध हैं। एक व्यक्ति ऐसे चिप को अमेरिका में निर्यात कर रहा है, जहां इसे लगभग 10 डॉलर में में बेचा जाता है।'
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने गोबर के चिप्स के विकास के लिए फंड उपलब्ध कराया है, काथिरिया ने कहा, 'हमारी कोशिश गाय के गोबर की विकिरण-रोधी गुणों को लोकप्रिय बनाना है...यह मोबाइल फोन के विकिरण से बचाता है।'
यह पूछे जाने पर कि क्या चिप किसी सरकारी प्रयोगशाला द्वारा प्रमाणित हैं, कथीरिया ने कहा, 'ये प्रमाणित नहीं हैं लेकिन इनका परीक्षण हुआ है। इसका किसी भी प्रयोगशाला में परीक्षण किया जा सकता है, कॉलेज में भी।'