पीएम मोदी ने 23 बार लिया नेहरू का नाम तो सुरजेवाला बोले- क्या घिनौनी नफरत से भरे व आदतन झूठे अहंकारी हुक्मरान को ये समझ आ सकता है?

By पल्लवी कुमारी | Published: February 7, 2020 10:33 AM2020-02-07T10:33:11+5:302020-02-07T10:33:11+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने करीब 100 मिनट के भाषण में कहा, ‘‘जो लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं, उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या पंडित नेहरू सांप्रदायिक थे। क्या वह हिन्दू-मुस्लिम में भेद करते थे ? क्या पंडित नेहरू हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते थे ? ’’

Randeep Surjewala slams pm Modi takes many time name Jawaharlal Nehru in lok sabha | पीएम मोदी ने 23 बार लिया नेहरू का नाम तो सुरजेवाला बोले- क्या घिनौनी नफरत से भरे व आदतन झूठे अहंकारी हुक्मरान को ये समझ आ सकता है?

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरेजवाला(फाइल फोटो)

Highlightsभारत-पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए 1950 में नेहरु-लियाकत समझौता हुआ- पीएम मोदीपीएम मोदी ने संशोधित नागरिकता कानून का बचाव करते हुए कहा कि यहां तक कि पंडित नेहरू भी पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिये भारतीय नागरिकता चाहते थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 6 फरवरी को कांग्रेस पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध को लेकर निशाना साधते हुए लोकसभा में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बयानों को उद्धृत किया और विपक्षी दल से पूछा कि क्या पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिये नागरिकता की बात करने के लिये पंडित नेहरू को ‘साम्प्रदायिक’ कहा जायेगा ? पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में तकरीबन दर्जनों बार पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम लिया इस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरेजवाला ने प्रतिक्रिया दी है। रणदीप सुरेजवाला ने ट्वीट कर लिखा है, ''क्या घिनौनी नफरत से भरे व आदतन झूठे अहंकारी हुक्मरान को ये समझ आ सकता है?'' 

रणदीप सुरेजवाला ने ट्वीट के साथ अंग्रेजी अखबार का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है। जिसपर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है-  NEHRU IS BIG। अंग्रेजी अखबार के स्क्रीनशॉट में दावा किया गया है कि पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान 23 बार पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम लिया है। 

पढ़ें पीएम मोदी ने लोकसभा में पंडित जवाहर लाल नेहरू को लेकर क्या-क्या कहा? 

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने संशोधित नागरिकता कानून का बचाव करते हुए कहा कि यहां तक कि पंडित नेहरू भी पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिये भारतीय नागरिकता चाहते थे । प्रधानमंत्री ने अपने करीब 100 मिनट के भाषण में कहा, ‘‘जो लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं, उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या पंडित नेहरू सांप्रदायिक थे। क्या वह हिन्दू-मुस्लिम में भेद करते थे ? क्या पंडित नेहरू हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते थे ? ’’ उन्होंने नेहरू के हवाले से कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि जो प्रभावित लोग भारत में बसने के लिए आये हैं, ये नागरिकता मिलने के अधिकारी हैं और अगर इसके लिए कानून अनुकूल नहीं हैं तो कानून में बदलाव किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत-पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए 1950 में नेहरु-लियाकत समझौता हुआ। नेहरु जी इतने बड़े विचारक थे, उन्होंने 'वहां के अल्पसंख्यकों' की जगह, 'वहां के सारे नागरिक' शब्द का उपयोग क्यों नहीं किया?’’ मोदी ने कहा कि जो बात हम आज बता रहे हैं, वही बात नेहरु जी ने भी कही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की दिक्कत ये है कि वो बातें बनाती है, झूठे वादे करती है और दशकों तक वादों को टालती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1963 में लोकसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आया और नेहरू जी उस समय विदेश मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। तब नेहरू जी ने तब के विदेश राज्य मंत्री को टोकते हुए कहा था कि पूर्वी पाकिस्तान में वहां की ऑथोरिटी हिंदुओं पर जबरदस्त दवाब बना रही है ।

उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान के हालात को देखते हुए गांधी जी के साथ ही नेहरू जी की भावनाएं भी जुड़ी थीं। सभी लोग इस तरह के कानून की बात कहते रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में जवाहर लाल नेहरू द्वारा असम के प्रथम मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई को लिखे पत्र का भी जिक्र किया और कहा कि हिन्दू शरणार्थी और मुस्लिम आप्रवासी में अंतर करने की जरूरत है।

उन्होंने विपक्ष के कुछ सदस्यों द्वारा सरकार के इस दावे पर आपत्ति उठाये जाने का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि सीएए से महात्मा गांधी का सपना पूरा हुआ है। मोदी ने कहा कि इस बारे में वह राष्ट्रपिता के बयान को कई बार बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो दशकों पहले गांधी जी की बातों को छोड़ दिया था। गांधीजी ने जो कहा था, उनका उद्धरण उपलब्ध है।

मोदी ने तत्कालीन कांग्रेस नेता भूपेंद्र कुमार दत्त और पाकिस्तान के पहले कानून मंत्री जोगेंद्र दास मंडल का जिक्र करते हुए कहा कि इन्हें भी वहां अत्याचारों के बाद पाकिस्तान से अंतत: भारत लौटना पड़ा और उन्होंने अंतिम सांस देश की धरती पर ली। गौरतलब है कि चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा था कि महात्मा गांधी ने अंशत: ही वह बात कही जिसका जिक्र सरकार संशोधित कानून का बचाव करने के लिये कर रही है। (पीटीआई इनपुट के साथ)

Web Title: Randeep Surjewala slams pm Modi takes many time name Jawaharlal Nehru in lok sabha

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