रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तक मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह कोर्ट की अवमानना के दोषी: सुप्रीम कोर्ट
By विनीत कुमार | Published: November 15, 2019 12:00 PM2019-11-15T12:00:00+5:302019-11-15T12:01:24+5:30
सिंह बंधुओं ने रैकबेक्सी को 2008 में दाइची को बेच दिया था। बाद में दाइची ने सिंगापुर पंचाट में शिकायत की थी कि सिंह बंधुओं ने रैनबैक्सी के खिलाफ अमेरिका के खाद्य एवं औषधि विभाग की चल रही जांच की बात छुपायी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने जापानी कंपनी दाइची सांक्यो के मामले में रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तकों मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को कोर्ट की अवमानना करने का दोषी पाया है। कोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सिंह बंधुओं ने फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड में अपने शेयर नहीं बेचने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया।
दाइची ने इस मामले में सिंह बंधुओं के खिलाफ 3500 करोड़ की राशि के भुगतान संबंधी सिंगापुर न्यायाधिकरण का आदेश लागू करने का अनुरोध किया था।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तक न्यायालय की अवमानना के दोषी हैं। पीठ ने कहा कि सिंह बंधुओं ने उसके पहले के उस आदेश का उल्लंघन किया है जिसमें उन्हें फोर्टिस समूह के अपने नियंत्रण वाले शेयरों की बिक्री मलेशियाई कंपनी आईएचएच हेल्थकेयर को नहीं करने के लिए कहा गया था।
कोर्ट ने कहा कि वे सजा के सवाल पर सिंह बंधुओं को बाद में सुनेंगे। जापानी फर्म ने सिंह बंधुओं के खिलाफ न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके पक्ष में दिया गया पंचाट का फैसला संकट में पड़ गया है क्योंकि सिंह बंधुओं ने फोर्टिस समूह में अपने नियंत्रण वाले अपने शेयर मलेशिया की कंपनी को बेच दिये हैं। बता दें कि सिंह बंधुओं ने रैकबेक्सी को दाइची को बेच दिया था। दाइची ने 2008 में रैनबैक्सी को खरीदा था।
(भाषा इनपुट से)