राम मंदिर मुद्दे पर बोले रामविलास पासवान, किसी भी कीमत पर नहीं आएगा अध्यादेश
By भाषा | Published: January 28, 2019 08:32 PM2019-01-28T20:32:35+5:302019-01-28T20:32:35+5:30
पासवान से न्यायाधीश की अनुपलब्धता की वजह से रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मालिकाना विवाद मामले में हो रही देरी पर टिप्पणी मांगी गयी थी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने राज्य सरकार द्वारा अर्धकुम्भ को कुम्भ की संज्ञा दिये जाने के विरोध में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद और कई प्रमुख संतों को पत्र लिखा है।
स्वामी अधोक्षजानंद ने सोमवार को पीटीआई भाषा को बताया कि नेता प्रतिपक्ष ने चार पेज के अपने पत्र में लिखा है कि पौराणिक मान्यताओं और ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस वर्ष तीर्थराज प्रयाग में अर्धकुम्भ का आयोजन हुआ है, लेकिन प्रदेश की योगी सरकार ने इन सभी तथ्यों और ग्रहों-नक्षत्रों के योग को नकारते हुए जबरदस्ती इसे पूर्ण कुम्भ की संज्ञा दे दी है।
शंकराचार्य ने कहा कि गोविंद ने सुमेरू पीठाधीश्वर नरेंद्रानंद, श्री निर्वाणी अनी अखाड़े के श्री महंत धरमदास, अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि सहित कई अन्य संतों को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की है।
उन्होंने बताया कि चौधरी ने सरकार से पूछा है कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार छह साल में ही कुम्भ का आयोजन कर रही है तो क्या हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में भी छह वर्ष में कुम्भ मनाया जाएगा।
स्वामी अधोक्षजानंद के मुताबिक, चौधरी ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ स्वयं संत हैं और उनकी अगुवाई वाली सरकार के अर्धकुम्भ को कुम्भ करने के विधेयक का विपक्षियों ने जमकर विरोध किया था। फिर भी सरकार ने अपने बहुमत के अहंकार में इसे पारित करा लिया।