रामविलास पासवानः देश के पिछले छह प्रधानमंत्रियों के कैबिनेट में रहे मंत्री, जानिए सबकुछ
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 8, 2020 09:20 PM2020-10-08T21:20:55+5:302020-10-08T22:07:44+5:30
लंबी बीमारी के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के गुरुवार शाम निधन हो गया। उनके बेटे और एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस बात की पुष्टि की है।
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन हो गया। उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी। लोक जनशक्ति पार्टी के 74 वर्षीय संरक्षक पासवान का कुछ दिन पहले एक अस्पताल में हृदय का ऑपरेशन हुआ था।
वह पांच दशक से अधिक समय से सक्रिय राजनीति में थे और देश के जाने-माने दलित नेताओं में से एक थे। पासवान उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री थे। चिराग पासवान ने ट्वीट किया, ‘‘पापा...अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है, आप जहां भी हैं, हमेशा मेरे साथ हैं। आपक बहुत याद आ रही है पापा।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री के रूप में रामविलास पासवान देश के ऐसे नेता हैं, जो पिछले 26 सालों के दौरान लगभग हर प्रधानमंत्री के साथ काम कर चुके हैं। हालांकि, इन वर्षों में सिर्फ पूर्व पीएम नरसिम्ह राव अपवाद हैं। ये बिहार के महादलित समाज से आते हैं और 70 के दशक में जयप्रकाश नारायण द्वारा चलाए गए इमरजेंसी मूवमेंट से निकले नेता हैं। चिराग इस दलित नेता की दूसरी पत्नी के बेटे हैं। उन्हें बिहार के होनहार युवा नेताओं में गिना जा रहा है।
1989 से लेकर अब तक, नरसिम्हा राव के अलावा पासवान ने देश के हर प्रधानमंत्री के साथ काम किया। वे पीएम वीपी सिंह, एचडी देवगौड़ा, आईके गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह के साथ और अभी नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शामिल हैं।
रामविलास पासवान साल 1977 में पहली बार जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हाजीपुर सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। हाजीपुर में उन्होंने रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल कर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा. इसके बाद साल 1980 के लोकसभा चुनावों में इसी सीट से दोबारा जीत हासिल की।
रामविलास पासवान ने साल 1983 में दलितों के उत्थान के लिए दलित सेना का गठन किया था, वहीं 1989 में नवीं लोकसभा में तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए, केंद्र की वीपी सिंह सरकार में उन्हें पहली बार कैबिनेट में जगह मिली और श्रम कल्याण मंत्री बनाया गया। इसके बाद एचडी देवगौड़ा और आईके गुजरात की सरकार में साल 1996 से 1898 तक पासवान को रेल मंत्री बनाया गया।
पासवान ने कई बार लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया
पासवान ने कई बार लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है। बता दें कि इन्होंने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वे जनता पार्टी, लोकदल, जनता दल आदि में भी रह चुके हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के रूप में 2000 में खुद की पार्टी बनाई। पासवान ने विभिन्न कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी निभाई है।
रामविलास पासवान ने दो शादियां की हैं। उनकी पहली पत्नी का नाम राजकुमारी था। उनसे तलाक के बाद पूर्व एयर होस्टेस रीना शर्मा से शादी की। पहली पत्नी से पासवान की दो बेटियां हैं। जबकि पंजाबी मूल की दूसरी पत्नी से एलजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड अध्यक्ष चिराग पासवान और एक बेटी है। पासवान के भाई भी राजनीति में सक्रिय हैं। वे एलजेपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।