दिग्विजय सिंह ने कहा- धर्माचार्यों द्वारा ही बनाना चाहिए राम मंदिर, हुए ट्रोल
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 6, 2020 07:38 AM2020-01-06T07:38:01+5:302020-01-06T07:38:01+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि रामलला के मंदिर का निर्माण शासकीय कोष से नहीं होना चाहिए विश्व का हर हिंदू भगवान राम को ईश्वर का अवतार मानता है और मंदिर निर्माण में सहयोग करेगा.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामलला के मंदिर का निर्माण शासकीय कोष से नहीं होना चाहिए. विश्व का हर हिंदू भगवान राम को ईश्वर का अवतार मानता है और मंदिर निर्माण में सहयोग करेगा. विहिप ने मंदिर निर्माण में जो चंदा उगाया, वो उसे अपने पास रखे और उसका उपयोग समाज की कुरीतियों को समाप्त करने में खर्च करे.
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि रामलला के मंदिर का निर्माण शासकीय कोष से नहीं होना चाहिए विश्व का हर हिंदू भगवान राम को ईश्वर का अवतार मानता है और मंदिर निर्माण में सहयोग करेगा.
विहिप ने मंदिर निर्माण में जो चंदा उगाया वो उसे अपने पास रखें और उसका उपयोग समाज की कुरीतियों को समाप्त करने में खर्च करें.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि रामालय ट्रस्ट में सभी शंकराचार्य और रामानन्दी सम्प्रदाय से जुड़े अखाड़ा परिषद के सदस्य ही हैं और जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद सबसे वरिष्ठ होने के नाते उसके अध्यक्ष हैं.
रामालय ट्रस्ट के माध्यम से ही रामलला के मंदिर निर्माण होना चाहिए. उन्होंने लिखा कि भगवान राम का मंदिर हिंदुओं के धर्माचार्यों द्वारा ही बनाना चाहिए. राजनैतिक संगठनों द्वारा संचालित संगठनों के द्वारा नहीं. भगवान राम सबके हैं उनके जन्म भूमि पर निर्माण की जिÞम्मेदारी रामालय ट्रस्ट को ही देना चाहिए.
ट्रोल हुए दिग्विजय
दिग्विजय सिह ट्वीटर पर राम मंदिर पर सवाल खड़े कर यूजर्स के निशाने पर आ गए. यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना भी शुरु कर दिया. एक यूजर्स ने लिखा कि चचा, आप मत घबराईए, क्योंकि राम मंदिर आपका मुद्दा नहीं है और वैसे भी राम जी काल्पनिक हैं.
मंदिर किसके पैसे से बनेगा किसके से नहीं बनेगा तुम्हे उससे क्या मतलब, खामोश रहिए. एक अन्य यूजर्स लिखा है कि चंदा मांगने कोई नहीं आएगा, वैसे भी मेहनता का पैसा चाहिए मंदिर के लिए.
अनुराग मिश्रा नामक यूजर्स ने लिखा है कि पूरी कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर के मुद्दे पर हमेशा विध्न ही डाला. चाहे कपिल सिब्बल न्यायालय में मामले को लटकाने का प्रयास करते रहे. चाहे रामसेसू के मुद्दे पर यूपीए सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में हलफनाना देकर भगवान राम के अस्तित्व को ही नकारा गया. अब सलाह किस मुंह से दे रहे हो.