Ram Mandir Ayodhya: "मंदिर उद्घाटन आध्यात्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक कार्यक्रम है", डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 15, 2024 07:56 AM2024-01-15T07:56:48+5:302024-01-15T08:00:45+5:30

डीएमके सांसद टीआर बालू ने भाजपा पर बेहद कड़ा प्रहार करते हुए अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह को एक "राजनीतिक कार्यक्रम" करार दिया है।

Ram temple inauguration is not a spiritual but a political event", DMK MP TR Baalu ​​said | Ram Mandir Ayodhya: "मंदिर उद्घाटन आध्यात्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक कार्यक्रम है", डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा

एएनआई

Highlightsडीएमके सांसद टीआर बालू ने अयोध्या के राम मंदिर समारोह को लेकर भाजपा पर किया हमलासांसद बालू ने राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह को एक "राजनीतिक कार्यक्रम" करार दिया हैउन्होंने कहा कि आम चुनाव में ध्यान भटकाने के लिए भाजपा इसे मुद्दा बना रही है

चेन्नई: द्रविड़ मुनेत्र कडगम (डीएमके) सांसद टीआर बालू ने भारतीय जनता पार्टी पर बेहद कड़ा प्रहार करते हुए बीते रविवार को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह को एक "राजनीतिक कार्यक्रम" करार दिया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार डीएमके सांसद ने कहा, "अयोध्या में हो रहे राम मंदिर का उद्घाटन का कार्यक्रम कोई आध्यात्मिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक राजनीतिक कार्यक्रम है। भाजपा ने साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से एक भी चुनावी वादे पूरे नहीं किए हैं। पार्टी को अपने वादे पूरे न करने का कोई मलाल नहीं है। इसलिए वो अयोध्या में भगवान राम मंदिर के निर्माण को अपनी उपलब्धि के रूप में दिखाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।''

उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, "उन्होंने कितने चुनावी वादे पूरे किए हैं? उन्होंने मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के लोगों को संकट में धकेल दिया है।"

टीआर बालू ने डीएमके की प्रशंसा करते हुए कहा, "डीएमके एक ऐसी पार्टी है जो 'एक ईश्वर, एक कुल' का पालन करती है, जैसा कि पेरारिंगार अन्ना ने कहा था। पार्टी का भारतीय संविधान में दृढ़ विश्वास है, जो धर्मनिरपेक्षता की बात करता है। डीएमके कभी भी राजनीति को अध्यात्मवाद के साथ मिलाने की कोशिश नहीं करती है।"

उन्होंने कहा, "राजनीतिक कारणों और वोट बैंक के लिए भक्ति का उपयोग करना भारत की संप्रभुता और संविधान के खिलाफ है, जो देश के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। यह निंदनीय है कि भाजपा इस तरह से एक मंदिर कार्यक्रम का उपयोग कर रही है।"

मालूम हो कि लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण इंडिया ब्लॉक के विपक्षी नेता अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रम के समय को लेकर भाजपा सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और कांग्रेस के कई बड़े नेता मसलन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी पहले ही मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा चुके हैं और पूरे कार्यक्रम को बीजेपी और आरएसएस का आयोजन बता चुके हैं।

इससे पहले शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अपने परिवार के साथ मंदिर जाएंगे।

सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी संभालने वाले ट्रस्ट और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को पत्र लिखकर इस कार्यक्रम में शामिल न होने के अपने फैसले की जानकारी दी।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिखे पत्र में कहा गया है, "राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण के लिए धन्यवाद और इसके सफल समापन पर बधाई। मैं प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अपने परिवार के साथ निश्चित रूप से अयोध्या जाऊंगा।"

Web Title: Ram temple inauguration is not a spiritual but a political event", DMK MP TR Baalu ​​said

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