राम मंदिर निर्माणः विहिप ने कहा, तराशे जा रहे हैं पत्थर, हजारों साधु-संतों और लाखों हिंदुओं की भावनाएं जुड़ी हैं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 5, 2020 08:58 PM2020-02-05T20:58:29+5:302020-02-05T20:58:29+5:30

विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा, "हमें नवगठित ट्रस्ट से यही अपेक्षा है कि राम जन्मभूमि पर उसी मॉडल के मुताबिक भव्य मंदिर का निर्माण किया जायेगा जो राम जन्मभूमि न्यास ने पहले से तैयार कर रखा है।

Ram temple construction: VHP said, stones are being carved, thousands of saints and millions of Hindus are connected | राम मंदिर निर्माणः विहिप ने कहा, तराशे जा रहे हैं पत्थर, हजारों साधु-संतों और लाखों हिंदुओं की भावनाएं जुड़ी हैं

इस मॉडल को कई मौकों पर प्रदर्शित भी किया जा चुका है।

Highlightsकई खंभों आदि का निर्माण भी हो चुका है जिन्हें भव्य राम मंदिर की कल्पना को ध्यान में रखते हुए आकार दिया गया है।कोकजे ने कहा कि राम मंदिर के इस प्रचलित मॉडल से हजारों साधु-संतों और लाखों हिंदुओं की भावनाएं जुड़ी हैं।

अयोध्या मामले में केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट के गठन को मंजूरी दिये जाने के बाद विश्व हिन्दू परिषद के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बुधवार को उम्मीद जतायी कि यह ट्रस्ट भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण विहिप के प्रस्तावित उस मॉडल के मुताबिक करायेगा जिसके तहत पिछले तीन दशक से पत्थर तराशे जा रहे हैं।

विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा, "हमें नवगठित ट्रस्ट से यही अपेक्षा है कि राम जन्मभूमि पर उसी मॉडल के मुताबिक भव्य मंदिर का निर्माण किया जायेगा जो राम जन्मभूमि न्यास ने पहले से तैयार कर रखा है।

इस मॉडल के मुताबिक कई खंभों आदि का निर्माण भी हो चुका है जिन्हें भव्य राम मंदिर की कल्पना को ध्यान में रखते हुए आकार दिया गया है।" कोकजे ने कहा कि राम मंदिर के इस प्रचलित मॉडल से हजारों साधु-संतों और लाखों हिंदुओं की भावनाएं जुड़ी हैं।

इस मॉडल को कई मौकों पर प्रदर्शित भी किया जा चुका है। गौरतलब है कि विहिप ने राम मंदिर निर्माण कार्यशाला में वर्ष 1990 में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिये पत्थरों को तराशना शुरू किया था। राम जन्मभूमि न्यास विश्व हिन्दू परिषद के सदस्यों का स्थापित ट्रस्ट है।

इस ट्रस्ट की स्थापना अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के उद्देश्य से 18 दिसंबर 1985 को की गयी थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट के रूप में ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।

यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिये पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में यह घोषणा की। मोदी ने यह भी बताया कि सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहीत 67.70 एकड़ भूमि ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ को हस्तांतरित करने का फैसला किया है।

Web Title: Ram temple construction: VHP said, stones are being carved, thousands of saints and millions of Hindus are connected

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