राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के नए राज्यपाल किए नियुक्त, इन्हें दी जिम्मेदारी
By रामदीप मिश्रा | Published: July 16, 2019 06:12 PM2019-07-16T18:12:11+5:302019-07-16T18:28:44+5:30
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब दोनों अपने संबंधित कार्यालयों का प्रभार ग्रहण करेंगे उन तारीखों के बाद से नियुक्तियां प्रभाव में आएंगी।
बीजेपी के नेता रह चुके विश्व भूषण हरिचंदन और अनुसुइया उइके को राज्यपाल बनाया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विश्व भूषण हरिचंदन को आंध्र प्रदेश और अनुसुइया उइके को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया। अनुसुइया बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा सांसद रह चुकी हैं। हरिचंदन ओडिशा बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं।
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब दोनों अपने संबंधित कार्यालयों का प्रभार ग्रहण करेंगे उन तारीखों के बाद से नियुक्तियां प्रभाव में आएंगी।
आपको बता दें कि बीते दिन सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बीजेपी के उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में MSME के मंत्री रहे कलराज मिश्र को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया। इस बार कलराज मिश्र ने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। गाजीपुर में पैदा हुए कलराज मिश्र की गिनती पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में होती है।
President of India, Ram Nath Kovind appoints Anusuiya Uikey as Governor of Chhattisgarh & Biswa Bhusan Harichandan as Governor of Andhra Pradesh. pic.twitter.com/diLaJQJ2hz
— ANI (@ANI) July 16, 2019
ये दिग्गज भी हैं लाइन में
मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, बिजोय चक्रवर्ती, करिया मुंडा, भगत सिंह कोश्यिारी, बंडारू दत्तात्रेय आदि भाजपा के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। उनकी इच्छा राज्यपाल बनने की है। चुनाव नहीं लड़ने वाली पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी राजनीतिक भूमिका चाहती हैं। इस साल उनके लिए राज्यसभा सीट उपलब्ध नहीं है। इसके लिए उन्होंने 2020 का इंतजार करना होगा।
नौकरशाहों को नहीं करना चाहते नियुक्त
प्रधानमंत्री कार्यालय के करीबी सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी केंद्र शासित प्रदेशों में जहां प्रशासकों की जरूरत है, वहां नौकरशाहों या सेवानिवृत्त अधिकारियों को राज्यपाल के रूप में नियुक्त नहीं करना चाहते हैं। वह नेताओं को राज्यपाल के रूप में नियुक्त करते हैं। काफी हद तक इसी कारण से भाजपा के दिग्गजों के लिए राज्यपाल पद आशा की किरण है।