कई लोगों ने सपना देखा था, अपनी जान दी?, मोहन भागवत ने कहा-राम मंदिर बलिदान देने वाले लोगों की आत्मा को शिखर पर ध्वजारोहण के बाद मिली शांति, वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 25, 2025 13:53 IST2025-11-25T13:51:56+5:302025-11-25T13:53:39+5:30
Ram Mandir Dhwajarohan:अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ध्वज हमेशा एक प्रतीक होता है, और मंदिर में इतने ऊंचे ध्वज को लगाने में काफी समय लगा, ठीक वैसे ही जैसे मंदिर बनने में लगा था।

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अयोध्याः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि राम मंदिर के लिए बलिदान देने वाले लोगों की आत्मा को आज मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के बाद शांति मिली होगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर फहराया गया ध्वज उन सिद्धांतों का प्रतीक है जो व्यक्ति, परिवार और दुनिया भर में सद्भाव की प्रेरणा देते हैं।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कर-कमलों से एवं @RSSorg के माननीय सरसंघचालक श्रद्धेय डॉ. मोहन भागवत जी की गरिमामयी उपस्थिति में श्री अयोध्या धाम स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य भगवा ध्वज के आरोहण समारोह में... https://t.co/cCXkq8IpdQ
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 25, 2025
जय श्रीराम 🚩
— BJP (@BJP4India) November 25, 2025
श्रीराम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संपन्न यह अद्वितीय ध्वजारोहण समस्त रामभक्तों के लिए दिव्य गौरव का क्षण बन उठा।
मानों सदियों की तपस्या, अनगिनत संतों की साधना और करोड़ों श्रद्धालुओं की प्रार्थनाएं, आज साकार होकर आकाश में लहराने लगी… pic.twitter.com/PZ1yySSa7D
भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ध्वज हमेशा एक प्रतीक होता है, और मंदिर में इतने ऊंचे ध्वज को लगाने में काफी समय लगा, ठीक वैसे ही जैसे मंदिर बनने में लगा था। समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित थे।
ध्वज पताक तोरन पुर छावा। कहि न जाइ जेहि भाँति बनावा॥
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 25, 2025
सुमनबृष्टि अकास तें होई। ब्रह्मानंद मगन सब लोई॥
सियावर रामचन्द्र की जय। pic.twitter.com/XwPZOhTZsp
आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अलौकिक है। सियावर रामचंद्र की जय! https://t.co/4PPt0rEnZy
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2025
भागवत ने कहा, ‘‘कई लोगों ने इस दिन का सपना देखा था और कई लोगों ने इसके लिए अपनी जान दे दी। आज उनकी आत्मा को शांति मिली होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग हर दिन पृष्ठभूमि में काम करते थे, उन्होंने भी राम मंदिर का सपना देखा था, अब जब रस्में पूरी हो गई हैं; 'राम राज्य' का झंडा फहराया गया है।’’
उन्होंने कहा, “इतना ऊंचा ध्वज फहराने में बहुत समय लगा है। आप सब जानते हैं कि मंदिर बनने में कितना समय लगा — अगर 500 साल को छोड़ भी दें, तो 30 साल लगे।” संघ प्रमुख ने कहा कि इस ध्वज के माध्यम से कुछ बुनियादी मूल्यों को ऊपर उठाया गया है।
भागवत ने कहा, “ये वो मूल्य हैं जो दुनिया को रास्ता दिखाएंगे — निजी जीवन से लेकर पारिवारिक जीवन और पूरी सृष्टि के जीवन तक। धर्म ही सबकी भलाई सुनिश्चित करता है।” उन्होंने कहा कि झंडे का केसरिया रंग धर्म को दिखाता है और इसलिए इसे ‘धर्म ध्वज’ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि झंडे पर रघुवंश के चिह्न के रूप में कोविदार (मंदार) का पेड़ भी है।