नायडू ने कहा- इस रक्षाबंधन पर राखी नहीं बांध पाएंगी सुषमा, जिसका मुझे अफसोस है

By भाषा | Published: August 7, 2019 12:45 PM2019-08-07T12:45:27+5:302019-08-07T12:45:27+5:30

पूर्व विदेश मंत्री एवं उच्च सदन की पूर्व सदस्य सुषमा स्वराज का निधन हो गया। सुषमा का जन्म अंबाला में हुआ था। वह हिन्दी एवं अंग्रेजी की असाधारण वक्ता थीं जो श्रोताओं पर गहरा प्रभाव छोड़ती थीं। नायडू ने कहा कि वह ‘‘मेरी छोटी बहन’’ के समान थीं और उन्हें सदैव ‘‘अन्ना’’ कहकर बुलाती थीं। वह हर रक्षाबंधन पर उन्हें राखी बांधती थीं।

Raksha Bandhan 2019: naidu reaction over sushma swaraj death shed tie rakhi every year but miss her this year | नायडू ने कहा- इस रक्षाबंधन पर राखी नहीं बांध पाएंगी सुषमा, जिसका मुझे अफसोस है

नायडू ने कहा- इस रक्षाबंधन पर राखी नहीं बांध पाएंगी सुषमा, जिसका मुझे अफसोस है

Highlights नायडू ने कहा कि वह ‘‘मेरी छोटी बहन’’ के समान थीं और उन्हें सदैव ‘‘अन्ना’’ कहकर बुलाती थीं। नायडू ने कहा कि वह इस वर्ष रक्षाबंधन पर उनकी कमी बहुत महसूस करेंगे।

राज्यसभा में बुधवार को पूर्व विदेश मंत्री एवं उच्च सदन की पूर्व सदस्य सुषमा स्वराज के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी और उनके योगदान का स्मरण किया गया। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सुषमा उन्हें हर साल राखी बांधने आती थीं किंतु इस बार वह रक्षाबंधन पर नहीं आ पाएंगी जिसका उन्हें अफसोस है। बैठक शुरू होते ही सभापति नायडू ने सदन को स्वराज के निधन की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘नियति ने उन्हें हमारे बीच से उठा लिया।’’

उन्होंने कहा कि वह तीन बार...अप्रैल 1990 से अप्रैल 1996, फिर अप्रैल 2000 से अप्रैल 2006 तथा उसके बाद अप्रैल 2006 से मई 2009 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं। साथ ही वह चार बार लोकसभा की भी सदस्य रहीं। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज 1977 में हरियाणा विधानसभा की सदस्य चुनी गयी थीं। बाद में वह केन्द्र में विदेश मंत्री, सूचना प्रसारण मंत्री और स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री भी रहीं। चार दशक के लंबे बेदाग राजनीतिक करियर के बाद उन्होंने स्वयं को राजनीतिक जीवन से अलग कर लिया जिसकी सभी वर्गों ने सराहना की थी।

नायडू ने कहा कि विदेश मंत्री के रूप में सुषमा ने विश्व के विभिन्न हिस्सों में संकट में फंसे भारतीयों को निकालने में सराहनीय भूमिका निभायी। उन्होंने कहा कि वह 25 वर्ष की उम्र में हरियाणा सरकार की पहली महिला कैबिनेट मंत्री बनीं। वह लोकसभा में पहली महिला नेता प्रतिपक्ष बनीं। वह पहली महिला थीं जिन्हें असाधारण सांसद का खिताब मिला। वह 1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। वह नरेन्द्र मोदी सरकार में पहली बार देश की पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री बनीं।

नायडू ने कहा कि उनका अंतिम सार्वजनिक संदेश था, ‘‘मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।’’ इस संदेश से देश की एकता और संविधान के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता के बारे में पता चलता है। दिवंगत नेता का यह संदेश जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराएं समाप्त करने संबंधी संकल्प के संसद में पारित होने के संदर्भ में था।

सुषमा का जन्म अंबाला में हुआ था। वह हिन्दी एवं अंग्रेजी की असाधारण वक्ता थीं जो श्रोताओं पर गहरा प्रभाव छोड़ती थीं। नायडू ने कहा कि वह ‘‘मेरी छोटी बहन’’ के समान थीं और उन्हें सदैव ‘‘अन्ना’’ कहकर बुलाती थीं। वह हर रक्षाबंधन पर उन्हें राखी बांधती थीं।

नायडू ने कहा कि उपराष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने कहा था कि ‘‘इस बार आप मेरे घर पर राखी बंधवाने नहीं आइयेगा, क्योंकि यह उपयुक्त नहीं होगा। मैं आपके घर राखी बांधने आऊंगी।’’ नायडू ने कहा कि वह इस वर्ष रक्षाबंधन पर उनकी कमी बहुत महसूस करेंगे। सभापति ने कहा कि विभिन्न भूमिकाओं में उल्लेखनीय योगदान के कारण सुषमा स्वराज हमारे लिए हमेशा प्रेरणा की स्रोत रहेंगी। इसके बाद सदस्यों ने सुषमा स्वराज के सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखा। 

Web Title: Raksha Bandhan 2019: naidu reaction over sushma swaraj death shed tie rakhi every year but miss her this year

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