काली स्याही, जानलेवा हमले किसानों की आवाज को नहीं दबा सकते, स्याही हमले पर राकेश टिकैत ने भाजपा को घेरा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 31, 2022 11:38 AM2022-05-31T11:38:06+5:302022-05-31T11:47:03+5:30

आयोजकों के अनुसार, कार्यक्रम में एक संवाददाता सम्मेलन भी होना था जो किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर के खिलाफ एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद ‘‘संदेह को दूर करने’’ के लिए बुलाया गया था और इसके लिए टिकैत को आमंत्रित किया गया था।

Rakesh Tikait said Black ink deadly attacks cannot suppress voice of farmers | काली स्याही, जानलेवा हमले किसानों की आवाज को नहीं दबा सकते, स्याही हमले पर राकेश टिकैत ने भाजपा को घेरा

काली स्याही, जानलेवा हमले किसानों की आवाज को नहीं दबा सकते, स्याही हमले पर राकेश टिकैत ने भाजपा को घेरा

Highlights कर्नाटक की राजधानी के गांधी भवन में सोमवार को किसान नेता राकेश टिकैत पर स्याही फेंकी गई थीकिसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर के खिलाफ एक स्टिंग ऑपरेशन को लेकर कर्नाटक पहुंचे थे टिकैतटिकैत ने अपने उपर हुए स्याही हमले का जिम्मेदार भाजपा को ठहराया है

नोएडाः भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने बेंगलुरु में उन पर स्याही फेंके जाने के बाद कहा है कि काली स्याही और घातक हमले किसानों और मजदूरों की आवाज को दबा नहीं सकते। कर्नाटक की राजधानी के गांधी भवन में सोमवार को एक किसान संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान बदमाशों ने टिकैत पर स्याही फेंक दी। पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद आयोजकों और बदमाशों ने एक दूसरे पर प्लास्टिक की कुर्सियों से हमला किया। टिकैत ने इस घटना के लिए स्थानीय पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया है कि उन पर हमला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राज्य सरकार की मिलीभगत से किया गया था।

किसान नेता ने सोमवार देर रात ट्वीट किया, ‘‘काली स्याही और घातक हमले इस देश के किसानों, मजदूरों, दलितों, शोषितों, पिछड़ों और आदिवासियों की आवाज को दबा नहीं सकते। लड़ाई आखिरी सांस तक जारी रहेगी।’’ कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने इन आरोपों को खारिज किया है कि टिकैत को निशाना बनाने वाले लोग भाजपा से थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम अधिकारियों के संपर्क में हैं। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। मैं इस कृत्य की निंदा करता हूं। संविधान के तहत सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है।’’

आयोजकों के अनुसार, कार्यक्रम में एक संवाददाता सम्मेलन भी होना था जो किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर के खिलाफ एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद ‘‘संदेह को दूर करने’’ के लिए बुलाया गया था और इसके लिए टिकैत को आमंत्रित किया गया था। बैठक में बदमाश पत्रकार बनकर आए और नोट लेने का नाटक किया। उनमें से एक टिकैत के सामने माइक्रोफोन को ठीक करने के लिए मंच पर गया और फिर माइक से उन पर हमला करने की कोशिश की। एक अन्य व्यक्ति ने टिकैत पर स्याही फेंकी जिससे उनकी पगड़ी, चेहरा, सफेद कुर्ता और गले में पहने हुए हरे शॉल पर स्याही के धब्बे लग गए।

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) सहित विपक्षी दलों ने घटना की निंदा की और दोषियों के खिलाफ तत्काल पुलिस कार्रवाई की मांग की। भाजपा के मुखर आलोचक टिकैत, अब निरस्त किए गए केंद्र के तीन कृषि-विपणन कानूनों के खिलाफ 2020 के किसानों के प्रदर्शन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। टिकैत का भाकियू संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा था, जिसने दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किया था। 

Web Title: Rakesh Tikait said Black ink deadly attacks cannot suppress voice of farmers

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