बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवाब मलिक की याचिका को किया खारिज, राज्यसभा चुनाव में वोट देने के लिए मांगी थी इजाजत
By मनाली रस्तोगी | Published: June 10, 2022 12:08 PM2022-06-10T12:08:09+5:302022-06-10T12:18:51+5:30
बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की उस याचिका को खाारिज किया जिसमें उन्होंने राज्यसभा चुनाव में मतदान करने के लिए जेल से अस्थायी तौर पर रिहा किए जाने का अनुरोध किया था।
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राकांपा नेता और राज्य के मंत्री नवाब मलिक की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी। पीएमएलए कोर्ट ने मलिक की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए शुक्रवार को विधानसभा जाने की अनुमति मांगी थी।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने विशेष पीएमएलए कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। नवाब मलिक को तुरंत वोट देने की इजाजत नहीं है। न्यायमूर्ति प्रकाश डी नाइक की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने मलिक को एक उपयुक्त पीठ के समक्ष जाने के लिए कहा जो जमानत आवेदनों की सुनवाई करती है। बताते चलें कि गुरुवार को नवाब मलिक के अलावा अनिल देशमुख जमानत के लिए अनुमति मांगी थी। हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया था।
#UPDATE | High Court upholds Special PMLA court's decision, Nawab Malik is not allowed to vote immediately. The court said that this petition is wrong and asked him to approach with the amended application before an appropriate bench.
— ANI (@ANI) June 10, 2022
देशमुख और मलिक दोनों राकांपा के वरिष्ठ नेता हैं और फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे विभिन्न धनशोधन मामलों के सिलसिले में जेल में बंद हैं। दोनों ने पिछले सप्ताह विशेष न्यायाधीश आर एन रोकडे के समक्ष अस्थायी जमानत के लिए अर्जी दायर की थी। देशमुख को ईडी ने नवंबर 2021 में धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने मलिक को इस साल 23 फरवरी को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े धनशोधन के मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।