Rajya Sabha polls: शिवसेना ने शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी को नहीं दिया टिकट, कोल्हापुर जिला अध्यक्ष संजय पवार होंगे दूसरी प्रत्याशी!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 24, 2022 07:03 PM2022-05-24T19:03:56+5:302022-05-24T19:05:37+5:30
Rajya Sabha polls: संजय राउत ने कहा, “संजय पवार शिवसेना के मवाला (सैनिक) हैं और (पार्टी प्रमुख) उद्धव ठाकरे ने उन्हें उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है। आधिकारिक घोषणा शीघ्र ही की जाएगी।”
Rajya Sabha polls: शिवसेना ने पार्टी के कोल्हापुर जिला अध्यक्ष संजय पवार को राज्यसभा चुनाव के लिए दूसरे उम्मीदवार के तौर पर उतारने की घोषणा की है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस निर्णय से छत्रपति संभाजी को निराशा हाथ लगेगी जिन्हें खुद को प्रत्याशी घोषित किये जाने की उम्मीद थी।
राउत ने कहा कि शिवसेना राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीत सुनिश्चित करेगी। राउत ने कहा, “संजय पवार शिवसेना के मवाला (सैनिक) हैं और (पार्टी प्रमुख) उद्धव ठाकरे ने उन्हें उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है। आधिकारिक घोषणा शीघ्र ही की जाएगी।”
महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों पर अगले महीने चुनाव होने वाले हैं और इसमें भारतीय जनता पार्टी के पास इतने मतों की संख्या है कि उसके दो प्रत्याशी निर्वाचित हो सकते हैं। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के पास अपने एक-एक उम्मीदवार को उच्च सदन भेजने लायक मतों की पर्याप्त संख्या है।
इसके साथ ही तीनों मिलकर छठी सीट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं जिसके लिए शिवसेना ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। वहीं, छत्रपति संभाजी ने एक निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी का मराठा समुदाय में अच्छा खासा जनाधार है।
उन्होंने गत सप्ताह शिवसेना से समर्थन मांगा था जिसके बदले में उनसे शिवसेना में शामिल होने को कहा गया। संभाजी ने पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। संभाजी पर तंज कसते हुए राउत ने कहा, “राजा, सैनिकों के कारण राजा होते हैं।”
उन्होंने कहा, “हम उनका (छत्रपति संभाजी), उनके परिवार का और सिंहासन का सम्मान करते हैं इसलिए उन्हें शिवसेना में शामिल होने का न्योता दिया था ताकि वह चुनाव में छठी सीट के लिए लड़ सकें।” राउत ने कहा, “उन्हें राज्यसभा जाना है और वह निर्दलीय लड़ना चाहते हैं। उन्हें 42 मतों की जरूरत पड़ेगी। अगर किसी के पास 42 मत हैं तो वह राज्यसभा का चुनाव जीत सकते हैं।”