राजनाथ सिंह आज अमेरिका के रक्षा मंत्री से करेंगे फोन पर बात, चीन के साथ जारी तनाव पर हो सकती है चर्चा
By रामदीप मिश्रा | Published: June 30, 2020 09:37 AM2020-06-30T09:37:49+5:302020-06-30T09:46:45+5:30
पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण गलवान घाटी क्षेत्र में सीमा पर गतिरोध भड़क गया। भारतीय सेना ने भी चीन को करारा जवाब दिया और उसके भी कई सैनिक झड़प के दौरान हताहत हुए हैं।
नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव बरकरार है। इस बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर से फोन पर बात करेंगे। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव पर वार्ता में चर्चा होने की उम्मीद है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने दी है। बता दें, गत 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया ।
Defence Minister Rajnath Singh to talk to his American counterpart Mark Esper over telephone. Ongoing tensions between India and China on the Line of Actual Control in Eastern Ladakh expected to come up for discussion in talks: Defence Ministry officials pic.twitter.com/ckECxjCwt6
— ANI (@ANI) June 30, 2020
पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण गलवान घाटी क्षेत्र में सीमा पर गतिरोध भड़क गया। भारतीय सेना ने भी चीन को करारा जवाब दिया और उसके भी कई सैनिक झड़प के दौरान हताहत हुए हैं। वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव था। उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स में सैटेलाइट तस्वीरों की जरिए दावा किया गया है गलवान घाटी में चीन लगातार अपनी सैन्य शक्ति बढ़ा रहा है। भारी संख्या में उसके सैनिकों ढेरा डाला हुआ है और तिरपाल लगाए हुए हैं। इन सब पर भारत कड़ी नजर बनाए हुए है।
मोदी सरकार ने बैन किए 59 चाइनीज ऐप
इधर, नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को 59 चाइनीज को भारत में बैन कर दिया। सरकार की ओर से कहा गया कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। ये एप 'उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें भारत के बाहर स्थित सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजते हैं। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग, आखिरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आघात है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके लिए आपातकालीन उपायों की जरूरत है।
एलएसी पर इन क्षेत्रों में है गतिरोध
भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पांच सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। चीनी सेना के जवान बड़ी संख्या में पैंगोंग सो समेत अनेक क्षेत्रों में सीमा के भारतीय क्षेत्र की तरफ घुस आए थे। भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के उल्लंघन की इन घटनाओं पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करती रही है और उसने क्षेत्र में अमन-चैन की बहाली के लिए चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग करती रही है। दोनों पक्षों ने पिछले कुछ दिन में विवाद सुलझाने के लिए श्रृंखलाबद्ध बातचीत की थी।