सर्जिकल स्ट्राइक में मनोहर पर्रिकर ने निभाई थी अहम भूमिका, पूरी रात सोए नहीं थे: राजनाथ सिंह
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 28, 2019 09:07 PM2019-03-28T21:07:01+5:302019-03-28T22:14:53+5:30
एनडीए के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बनाया था। पर्रिकर के कार्यकाल में उरी में आतंकियों ने आर्मी कैंप पर हमला किया था।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह 28 मार्च को दिवगंत बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओर गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की शोक सभा में शामिल हुए। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मनोहर पर्रिकर ने देश की सुरक्षा और सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई है। सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त वो पूरी रात सोए नहीं थे। मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च 2019 को अग्नाशय कैंसर के कारण निधन हो गया था।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने कहा, ''उरी हमले के बाद पीएम मोदी ने तत्काल प्रभाव से 2 और 3 लोगों को बुलाया। जिसमें मनोहर पर्रिकर भी थे। उरी हमले की वजह से पर्रिकर उस वक्त काफी गुस्से में थे, जो उनके चेहरे पर साफ देखा जा सकता था। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई थी। पूरी रात जगकर खुद सारे मामले की जानकारी रख रहे थे। शायद आपको ना पता हो लेकिन पुलवामा हमले के बाद हुए एयर स्ट्राइक में भी उनकी अहम भूमिका थी।''
#WATCH Rajnath Singh in Panaji: After Uri, PM had called 2-3 of us. Anger was visible on Parrikar ji's face, he played an important role in that air strike & observed the operation all night. You may not know this, but he also played a crucial role in 2 air strikes. #Goapic.twitter.com/RZUOcZhdHm
— ANI (@ANI) March 28, 2019
मनोहर पर्रिकर के कार्यकाल में हुआ सर्जिकल स्ट्राइक
एनडीए के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बनाया था। पर्रिकर के कार्यकाल में उरी में आतंकियों ने आर्मी कैंप पर हमला किया था। इसके बाद सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। उरी हमले में दर्जनों जवान शहीद हुए थे। जबकि पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए।
मनोहर पर्रिकर का 17 मार्च 2019 को अग्नाशय कैंसर के कारण निधन हो गया था। पिछले एक सालों से मनोहर पर्रिकर बीमार चल रहे थे। कैंसर के लिए वह कुछ महीनों तक अमेरिका भी इलाज करवाकर आए थे। स्वदेश वापस लौटने के बाद वह कुछ महीनों तक दिल्ली के एम्स में भी भर्ती थे। वह चार बार मुख्यमंत्री रहे थे।