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राजनाथ ने रक्षा संगठनों से राज्य सरकारों को ऑक्सीजन, बिस्तर उपलब्ध कराने को कहा

By भाषा | Updated: April 20, 2021 21:47 IST

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नयी दिल्ली, 20 अप्रैल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने में मदद के लिये रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) एवं आयुध कारखाना बोर्ड से राज्य सरकारों को अतिरिक्त बिस्तर और ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के लिए ‘युद्ध स्तर’ पर काम करने को कहा।

अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने मंगलवार को शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ डिजिटल माध्यम से हुई बैठक में महामारी के मद्देनजर चिकित्सा उपकरणों की खरीद एवं अतिरिक्त क्षमता के सृजन के लिए तीनों बलों एवं अन्य रक्षा एजेंसियों को आकस्मिक वित्तीय अधिकार प्रदान किए ।

रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों से कहा कि वे राज्य सरकारों के करीबी संपर्क में रहें और कोविड से निपटने के लिए जरूरी मदद उपलब्ध कराएं।

इस बैठक में रक्षा सचिव अजय कुमार, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा के महानिदेशक वाइस एडमिरल रजत दत्ता और डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी शामिल हुए ।

अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ ने पहले ही निजी उद्योग के साथ अपनी ऑक्सीजन उत्पादन प्रौद्योगिकी साझा की है, जिसका विकास हल्के लड़ाकू विमान तेजस के उपयोग के लिये किया गया था।

उन्होंने यह भी बताया कि लखनऊ में 450 बिस्तरों का अस्पताल, वाराणसी में 750 बिस्तरों का अस्पताल और अहमदाबाद में 900 बिस्तरों का अस्पताल स्थापित करने का कार्य जारी है । ईएसआईसी अस्पताल को पटना के कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित किया गया है, उसने 500 बिस्तरों के साथ काम करना शुरू कर दिया है।

पूर्व में सिंह और जनरल नरवणे के बीच संवाद के बाद यह निर्णय किया गया कि सेना, नागरिकों के उपचार के लिये अपनी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायेगी ।

गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में काफी तेजी आई है और कई राज्यों में अस्पतालों में बिस्तरों, ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की कमी की खबरें मिली हैं ।

राजनाथ सिंह को यह भी बताया गया कि एलसीए तेजस के लिए विकसित ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जेनरेशन प्रौद्योगिकी पर आधारित, एक 1000 लीटर/ मिनट की क्षमता वाली ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र प्रौद्योगिकी उद्योग को दी गई है और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस तरह के पांच संयंत्र का ऑर्डर उद्योग को दिया है।

रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, डॉ. रेड्डी ने रक्षा मंत्री को सूचित किया कि अस्पताल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उद्योग द्वारा अधिक प्लांट्स की आपूर्ति की जा सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए विकसित एसपीओ2 (ब्लड ऑक्सीजन सैचुरेशन) आधारित पूरक ऑक्सीजन वितरण प्रणाली का उपयोग कोवि़ड-19 रोगियों के लिए किया जा सकता है क्योंकि इससे उनकी स्थिति भी समान हो जाती है।

डीआरडीओ द्वारा प्रदत्त प्रौद्योगिकी के अनुसार उद्योग से बाजार में जल्द ही उत्पाद उपलब्ध हो जाएगा।

रक्षा मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए उन सेवानिवृत्त सशस्त्र बल के कर्मियों की सेवाएं ली जा सकती हैं, जिन्हें टीका लग चुका है। ये सेवानिवृत्त कर्मी सिविल प्रशासन/ राज्य सरकारों की सहायता कर सकते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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