इस एक वजह से टूट गई थी राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की 40 साल पुरानी दोस्ती

By स्वाति सिंह | Published: August 20, 2018 04:21 PM2018-08-20T16:21:16+5:302018-08-20T16:21:16+5:30

इस दोस्ती की शुरूआत देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और कवी हरिवंश राय बच्चन के जमाने से ही हुई। उस समय नेहरू जी देश के प्रधानमंत्री थे और हरिवंश राय विदेश मंत्रालय में हिंदी ऑफिसर थे। 

Rajiv gandhi birthday: know facts about amitabh bachchan and his friendship | इस एक वजह से टूट गई थी राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की 40 साल पुरानी दोस्ती

इस एक वजह से टूट गई थी राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की 40 साल पुरानी दोस्ती

नई दिल्ली, 20 अगस्त: बहुत कम लोगों को यह इस बात का पता होगा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन बचपन के दोस्त थे। इनकी दोस्ती तब से है जब राजीव गांधी महज 2 साल के और अमिताभ 4 साल के थे। 

कहा तो यह भी जाता है कि दोस्त राजीव के कहने पर अमिताभ ने राजनीति में कदम रखा। लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ कि दोनों की दोस्ती में दरार आ गई।  

इस दोस्ती की शुरूआत देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और कवी हरिवंश राय बच्चन के जमाने से ही हुई। उस समय नेहरू जी देश के प्रधानमंत्री थे और हरिवंश राय विदेश मंत्रालय में हिंदी ऑफिसर थे। 

उसी बीच इंदिरा गांधी और हरिवंश राय बच्चन की पत्नी काफी अच्छी दोस्ती हो गई। जिसके कारण दोनों परिवार के सदस्यों का भी मिलना जुलना होने लगा।  

राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की मुलाकात पहली बार इलाहाबाद में हुई जहां अमिताभ एक फैंसी ड्रेस कॉम्पिटीशन में हिस्सा लेने तो राजीव गांधी एक प्ले में फ्रीडम फाइटर बने थे। उस वक्त यह दोनों बहुत छोटे थे और दोनों को एक दूसरे के परिवार के बारे में भी पता नहीं था।  

उस मुलाकात के बाद के दोनों में दोस्ती का सिलसिला बढ़ता गया।  बता दें कि राजीव गांधी और संजय गांधी ने अपनी स्कूली पढ़ाई दून के स्कूल से की है वहीं अजिताभ नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में थे। 

एक इंटरव्यू के दौरान अमिताभ ने बताया था कि दोनों छुट्टियों मिलते थे ओए खूब मस्ती किया करते थे। उन्होंने बताया कि एक दूसरे के साथ समय बिताने के कारण दोनों की दोस्ती बढ़ती चली गई।

इनकी दोस्ती इतनी गहरी होती गई इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब राजीव गांधी इंग्लैंड गए फिर भी दोनों एक चिट्टी लिखा करते थे।  वहीं, जब राजीव वापिस आए तो वह अमिताभ के लिए तोहफे में जींस लाए थे।

अमिताभ ने यह भी बताया था कि राजीव गांधी के पास पुराना लंबरेटा स्कूटर था जिसे स्टार्ट करने के लिए अमिताभ धक्का लगाया करते थे।

इनकी दोस्ती लंबे समय तक बरकरार रही। बताया जाता है कि जब राजीव गांधी की मंगेतर सोनिया इटली से पहली बार भारत आईं उस समय अमिताभ भी उन्हें एयरपोर्ट पर लेने पहुंचे थे।  

राजीव-सोनिया की शादी में भी अमिताभ ने परिवार के सदस्य की तरह शामिल हुए थे।  यही नहीं बल्कि सोनिया गांधी का कन्यादान हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन ने किया था।

अमिताभ और राजीव के साथ साथ दोनों परिवारवालों के बीच दोस्ती खूब थी। इसी बीच राजीव गांधी ने अमिताभ को राजनीति में आने की सलाह दी।  इसके बाद  1984 में अमिताभ को कांग्रेस की तरफ से इलाहाबाद के लिए टिकट दिया गया।  

जहां से उन्हें जीत भी हासिल हुई।  ऐसा कहा जाता है कि कहीं ना कहीं इनकी दोस्ती में यही से दरार पड़नी शुरू हो गई।  

इसी बीच बोफोर्स घोटाले से पूरे देश में हडकंप मच गया। इस पूरे घोटाले में अमिताभ और उनके भाई अजिताभ भी निशाने पर थे। तभी से दोनों परिवार ने एक दूसरे से दूरी बना ली।  वहीं अपनी जीत के तीन साल बाद अमिताभ ने इस्तीफा देकर राजनीति से मुंह मोड़ लिया। 

इसके बाद 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद उनके परिवार का कहना था कि उन्हें बच्चन परिवार से किसी भी तरह का कोई साथ नहीं मिला।  उधर बच्चन परिवार के ख्यालात भी ऐसे ही थे।  

एक इंटरव्यू में अमिताभ ने अपनी दोस्ती के ऊपर कहा 'यह परिवार ने (गांधी और नेहरू) भारत पर सदियों से राज किया है। वह राजा और हमलोग रंक हैं।

अब ऐसे में राजा को ही निर्धारित करना होता है कि वह किसके साथ रिश्ते रखे और किसके साथ नहीं। ' उन्होंने कहा था 'हमारा प्यार पर आदर उनके साथ हमेशा है'। 

Web Title: Rajiv gandhi birthday: know facts about amitabh bachchan and his friendship

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