राजीव गांधी हत्याकांड: राज्य सरकार ने अदालत से कहा- सातों दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की है

By भाषा | Published: February 12, 2020 11:52 PM2020-02-12T23:52:11+5:302020-02-12T23:52:11+5:30

लोक अभियोजक ए नटराजन ने कहा, ‘‘राज्य कैबिनेट ने राज्यपाल से केवल एक सिफारिश की है। केवल राज्यपाल ही फैसला ले सकते हैं। राज्य सिफारिश पर कार्रवाई नहीं होने पर राज्यपाल से सवाल नहीं कर सकता।’’

Rajiv Gandhi Assassination Case: TN Govt says to court release of all 7 convicts is recommended | राजीव गांधी हत्याकांड: राज्य सरकार ने अदालत से कहा- सातों दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की है

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी। (फाइल फोटो)

Highlightsतमिलनाडु सरकार ने बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश राज्यपाल से की है क्योंकि उसके पास इस तरह का आदेश देने का अधिकार नहीं है। लोक अभियोजक ए नटराजन ने कहा, ‘‘राज्य कैबिनेट ने राज्यपाल से केवल एक सिफारिश की है। केवल राज्यपाल ही फैसला ले सकते हैं। राज्य सिफारिश पर कार्रवाई नहीं होने पर राज्यपाल से सवाल नहीं कर सकता।’’

तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने की सिफारिश राज्यपाल से की है क्योंकि उसके पास इस तरह का आदेश देने का अधिकार नहीं है।

लोक अभियोजक ए नटराजन ने कहा, ‘‘राज्य कैबिनेट ने राज्यपाल से केवल एक सिफारिश की है। केवल राज्यपाल ही फैसला ले सकते हैं। राज्य सिफारिश पर कार्रवाई नहीं होने पर राज्यपाल से सवाल नहीं कर सकता।’’

उन्होंने यह बात उम्रकैद की सजा काट रही दोषी नलिनी श्रीहरन की याचिका पर दिया। नलिनी ने याचिका में उसको हिरासत में रखने को अवैध घोषित करने का अनुरोध किया है क्योंकि नौ सितंबर 2018 को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा उसे रिहा करने की सिफारिश किए जाने के बावजूद राज्यपाल ने उसकी रिहायी का आदेश नहीं दिया।

न्यायमूर्ति आर सुब्बैया और न्यायमूर्ति आर पोंगियाप्पन की खंडपीड के समक्ष यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुनवाई के लिए आई। इस पर अदालत ने लोक अभियोजक को 18 फरवरी तक यह बताने को कहा कि राज्य सरकार की सिफारिश के बावजूद नलिनी को कैद में रखना क्या अवैध तरीके से बंधक बनाने के बराबर नहीं है?

याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि मारु राम मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 161 (कुछ मामलों में माफी देने या सजा स्थगित करने के राज्यपाल के अधिकार)के तहत राज्य सरकार की सिफारिश को स्वीकार करना राजयपाल के लिए बाध्यकारी है।

गौरतलब है कि नलिनी देश में सबसे लंबे समय तक जेल में रहने वाली कैदी है। वह 27 साल से अधिक समय से कारावास में है। नलिनी के अलावा उसका पति मुरुगन, एजी पेरारीवलम, संथन, जयकुमार, रविचंद्रन और रॉबर्ट पयास मामले में दोषी है। एक विशेष टाडा अदालत ने सातों को 21 मई 1991 में श्रीपेरम्बदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में उनकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया था।

Web Title: Rajiv Gandhi Assassination Case: TN Govt says to court release of all 7 convicts is recommended

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