जानिए राजेश दंडोतिया: लिखी गई किताबें और जीते गए वर्ल्ड रिकॉर्ड्स
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 24, 2025 18:36 IST2025-12-24T18:36:24+5:302025-12-24T18:36:59+5:30
कार्य मुख्य रूप से साइबर अपराध की रोकथाम और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव से जुड़ी निवारक शिक्षा पर केंद्रित रहा है।

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राजेश दंडोतिया (जन्म: 13 जून 1975, मुरैना, मध्य प्रदेश) एक भारतीय पुलिस अधिकारी, लेखक और सार्वजनिक वक्ता हैं, जो साइबर सुरक्षा और जन-जागरूकता के क्षेत्र में अपने कार्य के लिए जाने जाते हैं। लगभग तीन दशकों की सार्वजनिक सेवा के दौरान उन्होंने कानून प्रवर्तन, तकनीकी जागरूकता और सामुदायिक शिक्षा को एक साथ जोड़ते हुए डिजिटल युग की एक गंभीर चुनौती—साइबर अपराध—पर निरंतर कार्य किया है। वर्तमान में पुलिस सेवा में कार्यरत राजेश दंडोतिया का योगदान केवल पारंपरिक पुलिसिंग तक सीमित नहीं रहा है।
उनका कार्य मुख्य रूप से साइबर अपराध की रोकथाम और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव से जुड़ी निवारक शिक्षा पर केंद्रित रहा है। यह प्रतिबद्धता उनके लेखन कार्यों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उन्होंने Cyber Rakshak (हिंदी), Cyber Crime Prevention and Fraud Management, Inside the Cyber Crime Files (जिसके सह-लेखक वेबहैक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आर्य त्यागी हैं) और Cyber Protector जैसी पुस्तकों का लेखन किया है।
इन पुस्तकों का उपयोग छात्र, पेशेवर और कानून प्रवर्तन से जुड़े लोग करते हैं, और इन्हें जटिल साइबर खतरों को सरल व व्यावहारिक रूप में समझाने के लिए जाना जाता है। सार्वजनिक जागरूकता के क्षेत्र में उनके योगदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 11 विश्व रिकॉर्ड के माध्यम से मान्यता मिली है।
इनमें World Book of Records, London और India Book of Records द्वारा दर्ज अधिकतम साइबर जागरूकता सत्रों के रिकॉर्ड शामिल हैं। इसके अलावा Worldwide Book of Records, World Record of Excellence (इंग्लैंड), International Book of Records और World Records of India जैसे संस्थानों द्वारा भी उनके साइबर जागरूकता कार्यों को मान्यता दी गई है।
विशेष रूप से, माताओं के लिए साइबर जागरूकता सत्र आयोजित करने का एक अलग रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है, जो पारिवारिक स्तर पर डिजिटल सुरक्षा पर उनके विशेष ध्यान को दर्शाता है। साइबर जागरूकता के साथ-साथ उनका कार्य अन्य सामाजिक विषयों तक भी विस्तृत रहा है।
उन्हें Golden Book of World Records द्वारा मान्यता प्राप्त सबसे बड़े नशा-मुक्ति जागरूकता सत्र के आयोजन, World Book of Records, London द्वारा मान्यता प्राप्त सबसे बड़ी मानव श्रृंखला के संचालन, तथा उसी संस्था द्वारा मान्यता प्राप्त सबसे बड़े ई-शपथ (e-Shapath) अभियान का नेतृत्व करने का श्रेय दिया जाता है।
एक हजार साइबर जागरूकता सत्र पूरे करने पर भी उन्हें Golden Book of World Records से मान्यता प्राप्त हुई, जो इस क्षेत्र में उनकी निरंतर सक्रियता को दर्शाती है। इंदौर शहर राजेश दंडोतिया की कई प्रमुख साइबर पहलों का केंद्र रहा है। डिजिटल सुरक्षा अभियान (Digital Suraksha Initiative) के अंतर्गत उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों को ध्यान में रखते हुए कई कार्यक्रमों की शुरुआत की।
इनमें जन-जागरूकता के लिए Cyber Message, नागरिकों और विशेषज्ञों को जोड़ने के लिए Cyber Bridge, विचार-विमर्श और नवाचार के लिए Cyber Spark, तथा महिलाओं की डिजिटल सुरक्षा पर केंद्रित She Safe शामिल हैं। Cyber Youth कार्यक्रम कॉलेज छात्रों के लिए बनाया गया है, जबकि Cyber Vaani के माध्यम से आकाशवाणी पर साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी प्रसारित की गई।
इसके अतिरिक्त, Cyber Insights के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों, उद्योग जगत और तकनीकी विशेषज्ञों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया गया। व्यक्तिगत जीवन में भी राजेश दंडोतिया सार्वजनिक सेवा से गहराई से जुड़े हुए हैं। उनकी पत्नी नीति दंडोतिया मध्य प्रदेश पुलिस में उप पुलिस अधीक्षक (Deputy Superintendent of Police) के पद पर कार्यरत हैं, जिससे वे राज्य के प्रमुख पुलिस दंपतियों में शामिल हैं। उनके दो बच्चे, सम्यक और सत्यार्थ हैं। वे अक्सर पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर मूल्यों, अनुशासन और डिजिटल जिम्मेदारी के महत्व पर अपने विचार साझा करते रहे हैं।
कानून प्रवर्तन अनुभव, लेखन, सार्वजनिक वक्तृत्व और बड़े स्तर पर जागरूकता अभियानों के माध्यम से राजेश दंडोतिया ने भारत में साइबर अपराध के खिलाफ प्रयासों में एक अलग पहचान बनाई है। उनका कार्य न केवल समुदायों को जागरूक करता है, बल्कि नागरिकों को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित और जिम्मेदार तरीके से आगे बढ़ने के लिए सक्षम भी बनाता है।
