राजस्थान का विवाह पंजीकरण संशोधन विधेयक बाल विवाह को वैध ठहराता है: एनसीपीसीआर
By भाषा | Published: September 20, 2021 10:01 PM2021-09-20T22:01:32+5:302021-09-20T22:01:32+5:30
नयी दिल्ली, 20 सितंबर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखकर ‘राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021’ पर चिंता प्रकट की और कहा कि यह बाल विवाह को वैध बनाता है और नाबालिगों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
एनसीपीसीआर ने यह भी कहा कि विधेयक में इसका प्रावधान है कि विवाह पंजीकरण अधिकारी के माध्यम से उस स्थान पर बाल विवाह का पंजीकरण किया जाएगा जहां दोनों 30 से अधिक दिनों से रह रहे होंगे।
आयोग के अनुसार, यह विधेयक राजस्थान में बाल विवाह को वैध ठहराता है।
पिछले दिनों राजस्थान विधानसभा में यह विधेयक लाया गया। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा से बहिर्गमन किया। पार्टी ने दावा किया कि इससे बाल विवाह वैध हो जाएंगे।
सदन में राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 का बचाव करते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रस्तावित कानून विवाह के पंजीकरण की अनुमति देता है, लेकिन कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि ऐसी शादियां अंततः वैध हो जाएंगी। मंत्री ने कहा कि यदि यह वास्तव में बाल विवाह है तो जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारी परिवारों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर सकेंगे।
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