राजस्थान: किसान कल्याण शुल्क के विरोध में 247 मंडियों में हड़ताल, एक हफ्ते में 10,500 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित
By धीरेंद्र जैन | Published: May 14, 2020 06:22 AM2020-05-14T06:22:16+5:302020-05-14T06:22:16+5:30
राज्य की मंडियों में व्यापारी नहीं होने के कारण रोजाना 1500 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो रहा है। राज्य को भी प्रतिदिन मंडी सेस और जीएसटी का लगभग 50 करोड़ का नुकसान हो रहा है। गत एक सप्ताह से जारी हड़ताल के कारण 10,500 करोड़ के टर्नओवर, 210 करोड़ के मुनाफे और लगभग 350 करोड़ के राजस्व का अब तक नुकसान हो चुका है।
प्रदेश भर की कृषि उपज मंडियों में यह नई फसल आने का समय होने से कारोबार अधिक होता है लेकिन कोरोना महामारी के साथ ही राज्य सरकार द्वारा किसान कल्याण शुल्क लगाये जाने के विरोध में जारी हड़ताल की दोहरी मार से एक सप्ताह में ही प्रदेश की 247 मंडियों में 10,500 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हो चुका है।
राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि सरकार प्रदेश की इन 247 मंडियों की अब तक कोई सुध नहीं ले रही है। यदि सरकार ने तत्परता नहीं दिखाई तो किराना स्टोर की दुकानों पर स्टाॅक खत्म होते ही आम जन को जरूरी चीजों की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और रसोई में राशन की किल्लत आ सकती है। संघ लगातार प्रदेश सरकार ने किसान कल्याण शुल्क को वापस लेने की मांग कर रहा है।
राज्य की मंडियों में व्यापारी नहीं होने के कारण रोजाना 1500 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो रहा है। राज्य को भी प्रतिदिन मंडी सेस और जीएसटी का लगभग 50 करोड़ का नुकसान हो रहा है। गत एक सप्ताह से जारी हड़ताल के कारण 10,500 करोड़ के टर्नओवर, 210 करोड़ के मुनाफे और लगभग 350 करोड़ के राजस्व का अब तक नुकसान हो चुका है। खाद्य पदार्थ संघ ने पत्र लिखकर एसीएस वित्त और मुख्यमंत्री से इस समस्या के समाधान के लिए वार्ता करने का समय मांगा है।