राजस्थान कैबिनट विस्तार से कांग्रेस ने साधे हैं लोक सभा 2019 के समीकरण

By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 24, 2018 12:38 PM2018-12-24T12:38:51+5:302018-12-24T12:46:15+5:30

इस मंत्रिमंडल में जहां केवल एक महिला को प्रतिनिधित्व मिला है, वहीं अशोक गहलोत के करीबी कुछ वरिष्ठ नेताओं को जगह नहीं मिलने को लेकर भी चर्चाएं जारी हैं।

Rajasthan Politics Updates: congress cabinet ministers took oath, congress strategies for rajasthan | राजस्थान कैबिनट विस्तार से कांग्रेस ने साधे हैं लोक सभा 2019 के समीकरण

राजस्थान कैबिनट विस्तार से कांग्रेस ने साधे हैं लोक सभा 2019 के समीकरण

लंबी सियासी चर्चाओं के बाद अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का गठन हो गया है। नए मंत्रिमंडल के अर्थ-भावार्थ तलाशें तो लगता है कि- करवट ले रही है राजस्थानकांग्रेस की राजनीति! इस गठन में पूर्वी राजस्थान को विशेष महत्व दिया गया है तो यह भी कोशिश की गई है कि नए और अनुभवी नेताओं के बीच संतुलन रखा जाए। 

इस मंत्रिमंडल में जहां केवल एक महिला को प्रतिनिधित्व मिला है, वहीं अशोक गहलोत के करीबी कुछ वरिष्ठ नेताओं को जगह नहीं मिलने को लेकर भी चर्चाएं जारी हैं। इस बार राजस्थान के तेरह जिलों को कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, हालांकि इनमें से तीन जिले ऐसे हैं जहां से कोई भी कांग्रेसी एमएलए नहीं है। इस संदर्भ में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का कहना था कि- यह पहला गठन है, आगे और मंत्री बनेंगे।

राजस्थान में तीस सदस्यों का मंत्रिमंडल हो सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अब तक मंत्रिमंडल के 25 सदस्य हो चुके हैं, इसलिए पांच मंत्री और बनाए जा सकते हैं। 

इस मंत्रिमंडल के गठन के लिए कुछ खास बातें थीं, लेकिन इसके गठन को देख कर ऐसा लगता नहीं हैं कि किसी एक रणनीति के तहत मंत्रिमंडल का गठन हुआ हो। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी महिलाओं और नए विधायकों को ज्यादा प्रतिनिधित्व देना चाहते थे। इस मंत्रिमंडल में नए चेहरे तो हैं, लेकिन केवल एक महिला एमएलए को जगह मिली है।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देखें तो जहां कांग्रेस के लिए बेहतर संभावनाएं हैं- पूर्वी राजस्थान, उस पर तो ध्यान दिया गया है, लेकिन जातिगत समीकरण पर खास ध्यान नहीं दिया गया है। कांग्रेस के परंपरागत मतदाताओं- ब्राह्मण और आदिवासियों को भी साधने की कोशिश नहीं की गई है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने अनुभव के आधार पर अपने पुराने सहयोगियों में से कुछ खास नेताओं को जगह दिलाने में कामयाबी पाई है, लेकिन पिछले पांच सालों में बतौर कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने जो राजे सरकार के खिलाफ संघर्ष किया था, उस दौरान जो नेता सचिन पायलट के करीब रहे थे, उन्हें विशेष महत्व दिया गया है।
बहरहाल, राजस्थान में नई कांग्रेस सरकार ने काम शुरू कर दिया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि- क्या गहलोत और पायलट के बीच ऐसा ही तालमेल बरकरार रहेगा? क्या नई राजस्थान टीम लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की उम्मीदों पर खरी उतर पाएगी?

English summary :
Politics of Congress in Rajasthan! In this formation, Eastern Rajasthan has been given special significance and it has also been tried that there should be a balance between new and experienced leaders.


Web Title: Rajasthan Politics Updates: congress cabinet ministers took oath, congress strategies for rajasthan

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