जैसलमेर के सोनार दुर्ग को डेंजर जोन में डाल सकता है यूनेस्को
By धीरेंद्र जैन | Published: September 10, 2020 08:20 PM2020-09-10T20:20:42+5:302020-09-10T20:20:42+5:30
भारतीय पुरातत्व विभाग की उदासीनता के चलते सोनार का यह दुर्ग यूनेस्कों की डेंजर जोन की सूची में लाकर खड़ा कर दिया है। यूनेस्को द्वारा बताए गये पेरामीटर्स में सोनार किले का साइट मैनेजमेंट प्लान लागू नहीं किया, जबकि संबंधित एजेंसी ने इसे भारतीय पुरातत्व विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर दिया था।
जयपुरः राजस्थान के जैसलमेर जिले के सोनार दुर्ग के वल्र्ड हेरिटेज में शामिल किये जाने के बाद यह आस जगी थी कि अब सोनार दुर्ग का बेहतर ढंग से संरक्षण हो पाएगा।
लेकिन भारतीय पुरातत्व विभाग की उदासीनता के चलते सोनार का यह दुर्ग यूनेस्कों की डेंजर जोन की सूची में लाकर खड़ा कर दिया है। यूनेस्को द्वारा बताए गये पेरामीटर्स में सोनार किले का साइट मैनेजमेंट प्लान लागू नहीं किया, जबकि संबंधित एजेंसी ने इसे भारतीय पुरातत्व विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर दिया था।
इसके अतिरिक्त सीवरेज का काम भी पूर्ण नहीं हो पाया है। तत्कालीन निदेशक अंबरीश कुमार ने निम्न स्तर के कार्य को देखते हुए सीवरेज का काम रुकवा दिया था। वहीं किले की अंडरग्राउंड विद्युत केबल का काम भी बाकी है। यूनेस्को द्वारा हेरिटेज साइट के लिए बताए गए कार्यों का पुनर्मूल्यांकन होना है।
सोनार किले की बदहाल स्थिति को संवारने का कार्य 2011 में तत्कालीन कलक्टर गिरिराज सिंह कुशवाहा ने करवाया था लेकिन उनका तबादला होने के बाद पांचों परिवारों ने मकानों और भूखण्डों पर फिर से कब्जा कर लिया। पुरातत्व विभाग का कहना है कि प्रशासन को कई बार कहने के बाद भी वह मकान मालिकों पर कार्रवाई नहीं कर रहा।
जिसकी जानकारी केन्द्रीय पुरातत्व विभाग और राज्य के उप मुख्य सचिव को दे दी गई है। साइन मैनेजमेंट प्लान लागू करना यूनेस्को की वल्र्ड हेरिटेज साइट के लिए प्रमुख पैरामीटर था। यूनेस्को से जुडी संस्था द्रोणा का कहना है कि यदि यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज साइट के लिए बताए गए कामों से सन्तुष्ट नहीं होगा तो वह सोनार के किले को डेंजर जोन की सूची में डाल सकता है।