इस राजस्थानी शख्स के पास हैं 56 विश्व रिकॉर्ड, आर्थिक तंगी आ रही आड़े
By भाषा | Published: June 24, 2018 01:55 PM2018-06-24T13:55:23+5:302018-06-24T13:55:23+5:30
सक्का ने बताया कि भारत एक जमाने में सोने की चिड़िया कहलाता था। अब देश तो सोने की चिड़िया नहीं है, लेकिन अगर उनकी बनाई गई स्वर्ण कृलाकृतियों के लिये एक संग्रहालय बन जाये तो लोग उसे देख कर कह सकेंगे कि दुनिया में सोने की सबसे छोटी, खूबसूरत चीजें भारत में बनी हैं।
जयपुर, 24 जून: सोने चांदी की सूक्ष्म कलाकृतियां बनाने में 56 विश्व रिकॉर्ड का कीर्तिमान राजस्थान के एक शख्स के पास है, जोकि उदयपुर जिले के 53 वर्षीय आभूषण कारीगर इकबाल सक्का हैं। सक्का ने सोने का, दुनिया का सबसे छोटा तिरंगा झंडा बना कर गोल्डन बुक में मई माह में अपना नाम दर्ज करवाया है।
सक्का ने बताया कि भारत एक जमाने में सोने की चिड़िया कहलाता था। अब देश तो सोने की चिड़िया नहीं है, लेकिन अगर उनकी बनाई गई स्वर्ण कृलाकृतियों के लिये एक संग्रहालय बन जाये तो लोग उसे देख कर कह सकेंगे कि दुनिया में सोने की सबसे छोटी, खूबसूरत चीजें भारत में बनी हैं।
उन्होंने वर्ष 1882 में मात्र 15 सेमी की ऐशेज ट्रॉफी बनाई जो ऑस्ट्रेलिया के लार्ड्स के एमसीसी संग्राहालय में रखी गई है। सक्का ने तीन मिलीमीटर की सोने की सबसे छोटी ऐशेज वर्ल्ड कप ट्रॉफी बनाकर वन्डर बुक आफॅ रिकार्ड्स में नाम दर्ज कराया है। 100 मिलीग्राम सोने से बनी इस ट्रॉफी की खूबसूरती को सूक्ष्मदर्शी लैंस से देखा जा सकता है।
पिछले वर्ष 15 अगस्त 2017 को सक्का ने सोने का सबसे सूक्ष्म तिरंगा झंडा बनाया और कनाडा का रिकॉर्ड तोड़ते हुए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया था।
उन्होंने बताया कि कनाडा का झंडा सिर के बाल से वैज्ञानिक तरीके से बनाया गया था, जबकि उन्होंने 0.5 मिलीमीटर का सोने का तिरंगा झंडा बनाया है। सोने का तिरंगा झंडा इतना सूक्ष्म है कि 12 नंबर की सुई के छेद में से भी आसानी से निकल जाता है।
सक्का ने इस झंडे को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में रखने के लिये राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था। संस्कृति मंत्रालय ने उन्हें बताया कि इस बारे में कार्रवाई जारी है।
उन्होंने बताया 'मैं देश के लिये कुछ करना चाहता हूं। आंखों की रोशनी और हाथ में ताकत है, तो जमीन का कर्ज अदा करके जाना चाहता हूं।' दो पीढ़ियों से सोने चांदी के आभूषणों की मरम्मत के कार्य में लगे सक्का ने बताया 'मैंने अपनी कलाकृतियों की खातिर संग्रहालय बनाने के लिये भारत सरकार को लिखा था। वहां से जवाब आया कि अगर आपके पास संग्रहालय के लिए जमीन हो तो हम मदद करने के लिये तैयार हैं। मेरे पास ही जमीन होती तो सरकार को क्यों लिखता।'
आर्थिक तंगी से गुजर रहे सक्का टूटे गहनों को दुरुस्त करने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि सोने की सूक्ष्म कलाकृति बनाने की कोई समय सीमा नहीं है। इसके लिए एक एक बारीक हिस्से को वेल्डिंग से जोड़ा जाता है। ये हिस्से अत्यंत सूक्ष्म होते हैं। अपने इस शौक के लिए सक्का अपने दोस्तों से मदद लेते हैं।
उन्होंने राष्ट्र गान जन गण मन के 100 वर्ष पूर्ण होने पर पूरी दुनिया के देशों के नक्शे को मात्र 1 इंच चांदी में साकार करते हुए चांदी से ही 'जन गण मन' लिखकर विश्व शांति का संदेश दिया। सक्का ने विश्व की सबसे छोटी और पहली सोने चांदी की पुस्तक बनाई। पुस्तक में अरबी में अल्लाह, संस्कृत में ओम, ईसाई धर्म का क्रॉस, सिख धर्म का खण्डा उत्कीर्ण कर लिखा गया है।
विश्व को शांति का पैगाम देने वाली यह पुस्तक 64 पृष्ठों की है और इसे सूक्ष्मदर्शी लैंस की मदद से ही देखा और पढ़ा जा सकता है। सोने चांदी की सूक्ष्म कलाकृतियां बनाने के 56 विश्व रिकॉर्ड का कीर्तिमान स्थापित करने वाले सक्का ने छह राजस्थानी फिल्मों में अभिनय किया है। साथ ही उन्होंने 556 फुट लंबे रोल पर उपन्यास लिख कर इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया है।