राजस्थान: उपज को गिरवी रखकर कम ब्याज दर पर कर्ज ले सकेंगे किसान

By भाषा | Published: May 15, 2020 10:47 PM2020-05-15T22:47:32+5:302020-05-15T22:47:32+5:30

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण महमारी से उपजे संकट के बीच किसानों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को इन प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसके तहत गहलोत ने कृषक कल्याण कोष से सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपये का अनुदान देने का फैसला किया है।

Rajasthan: Farmers will be able to take loans at a lower interest rate by pledging the produce | राजस्थान: उपज को गिरवी रखकर कम ब्याज दर पर कर्ज ले सकेंगे किसान

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsराजस्थान सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए शुक्रवार को कई महत्वपूर्ण फैसले किए जिनमें उन्हें फसल का बेहतर मूल्य दिलाना, खरीद के लिए सुगम व विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करना शामिल है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने फैसला किया है कि किसान उपज को रेहन या गिरवी रखकर कम ब्याज दर पर कर्ज ले सकेंगे।

राजस्थान सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए शुक्रवार को कई महत्वपूर्ण फैसले किए जिनमें उन्हें फसल का बेहतर मूल्य दिलाना, खरीद के लिए सुगम व विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करना शामिल है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने फैसला किया है कि किसान उपज को रेहन या गिरवी रखकर कम ब्याज दर पर कर्ज ले सकेंगे।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण महमारी से उपजे संकट के बीच किसानों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को इन प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसके तहत गहलोत ने कृषक कल्याण कोष से सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपये का अनुदान देने का फैसला किया है। इससे किसानों को अब अपनी उपज को रेहन रखकर मात्र तीन प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज मिल सकेगा। इसमें सात प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा।

पहले राज्य सरकार द्वारा केवल 2 प्रतिशत ब्याज वहन किया जाता था। योजना के तहत किसानों का उनके द्वारा रेहन रखी गई उपज के बाजार मूल्य या समर्थन मूल्य, जो भी कम हो, के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा तथा मूल्यांकित राशि की 70 प्रतिशत राशि रेहन ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए 1.50 लाख तथा बड़े किसानों को 3 लाख रुपये तक का ऋण मात्र तीन प्रतिशत ब्याज दर पर मिल सकेगा। इसमें किसान को 90 दिन के लिए कर्ज मिलेगा।

हालांकि विशेष परिस्थितियों में यह सीमा 6 माह तक हो सकेगी। इसी तरह मंडियों में भूखंडों पर निर्माण नहीं करा पाने वाले आवंटियों को राहत दी गयी है। मंडियो में आवंटित भूखंड पर निर्माण नहीं कराने के कारण जिनके आवंटन निरस्त हो गए थे अगर उन भूखंडों का किसी अन्य को आवंटन नहीं किया गया है तो ऎसे आवंटन पुनः बहाल हो सकेंगे। इसके लिए आवंटियों को 30 जून तक आवंटन राशि का 25 प्रतिशत शास्ति जमा कराने की छूट प्रदान की है।

एक अन्य फैसले के तहत किसानों को प्रमाणित बीज के लिए 200 मंडियों में बिक्री केंद्र बनेंगे। मुख्यमंत्री ने राजस्थान राज्य बीज निगम को बीज वितरण केंद्र स्थापित करने के लिए प्रदेश के 200 कृषि उपज मंडी परिसरों में भूखंड तथा रिक्त निर्मित परिसंपत्तियां उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। इसी तरह निजी लघु मंडी को प्रतिभूति राशि एवं भूमि की आवश्यकता की अनिवार्यता में ढील दी गयी है।

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