राजस्थान चुनावः बीजेपी हारे या जीते, मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 8, 2018 01:19 PM2018-12-08T13:19:42+5:302018-12-08T13:19:42+5:30
Rajasthan Vidhan Sabha Exit poll: यह केन्द्र की मोदी सरकार का प्री-एग्जाम टेस्ट था. मतलब, राजस्थान में भाजपा की हार, पीएम मोदी टीम की हार है.
एग्जिट पोल के आंकड़े राजस्थान में भाजपा की विदाई का संदेश दे रहे हैं, लेकिन अभी भी भाजपा समर्थकों को उम्मीद है कि कोई चमत्कार हो जाए और वसुंधरा राजे सरकार बच जाए. यदि राजस्थान में भाजपा हारी, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? यह बड़ा प्रश्न है. इस मामले में सीएम वसुंधरा राजे सुरक्षित घेरे में हैं कि राजस्थान में एक बार भाजपा तो दूसरी बार कांग्रेस आती रहीं हैं. इसके अलावा यह चुनाव पूरी तरह से केन्द्र सरकार के मुद्दों पर फोकस रहा, लिहाजा यह माना जा रहा है कि यह केन्द्र की मोदी सरकार का प्री-एग्जाम टेस्ट था. मतलब, राजस्थान में भाजपा की हार, पीएम मोदी टीम की हार है.
अब, अगर राजस्थान में भाजपा जीत भी जाती है तो भी पिछली बार की जीत को दोहराना मुश्किल है. इस स्थिति में भी लोकसभा चुनाव में भाजपा के कदम हार की ओर ही बढ़ेंगे, क्योंकि पिछली बार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 25 में से 25 सीटें जीत लीं थी, जो अब मिलना संभव नहीं है. अलबत्ता, इन सीटों की कमी, केन्द्र में भाजपा के एकल बहुमत- 272 सीट, पर सवालिया निशान जरूर लगा देंगी.
सबसे बड़ा खतरा यह है कि मोदी मैजिक खत्म हो गया है. जनता अब न तो पीएम मोदी के वादों पर भरोसा कर पा रही है और न ही उनके इरादों पर विश्वास कर पा रही है. हो सकता है कि प्रादेशिक चुनावों में हार से सबक ले कर केन्द्र सरकार कुछ जनप्रिय निर्णय ले, लेकिन ऐसे निर्णय जनता को कितना प्रभावित कर पाएंगे, यह कहना मुश्किल है. करीब साढ़े चार साल के दर्द पर साढ़े चार माह की दवा बहुत ज्यादा असर दिखा पाएगी, ऐसा लगता नहीं है.
आम चुनाव- 2019 में कामयाबी को लेकर भाजपा के सामने अब कई प्रश्न जरूर हैं, लेकिन यदि राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनती है तो कांग्रेस के सामने भी कई सवाल हैं. सबसे बड़ा सवाल दस दिन में किसानों की कर्ज माफी का है. यही नहीं, आम चुनाव- 2019 तक प्रदेश में कांग्रेस सरकार जनता का दिल जितने में कितनी कामयाब रहती है, यह भी कोई कम चुनौती नहीं है!