राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम 2018 करीब-करीब साफ होते जा रहे हैं। दोपहर 1 बजे तक के नतीजों में कांग्रेस 97 और भारतीय जनता पार्टी 78 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि अन्य के खाते में 23 सीटें जाती नजर आ रही हैं।
ऐसे में यह बेहद अहम हो जाता है कि जो पार्टी सरकार बनाने को लेकर तेजी दिखाएगी, वही बाजी मारेगी। चूंकि दोनों पार्टियां बहुमत के जादूई आंकड़े से दूर हैं। ऐसे में राजस्थान में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रमुख दावेदार माने जा रहे दिग्गज नेता सचिन पायलट ने अभी से उन उम्मीदवारों से बातचीत शुरू कर दी है जो निर्दलीय चुनाव जीतने की ओर हैं।
ऐसे में पहले अशोक गहलोत ने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के सभी उन दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को खुला न्योता दे दिया, जो कांग्रेस से जुड़ना चाहते हों। लेकिन बाद में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बड़ा फैसला लेते हुए खुद ही निर्दलीय उम्मीदवारों से बातचीत करने की बीणा उठाया है।
सूत्रों से मिली खबरों के अनुसार सचिन पायलट ने करीब आठ निर्दलीय उम्मीदवारों से बातचीत की है। कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए करीब 5 से 6 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। इन्हीं स्थितियों को लेकर उन्होंने निर्दलीय विधायकों से बातचीत की है।
बसपा से समर्थन मांगने की जरूरत नहीं!
चुनाव पूर्व मायावती की बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन की खबरों के बीच मायावती ने कांग्रेस को घमंडी बताते हुए मगठबंधन करने से मना कर दिया था। इसमें सबसे अहम कारण सचिन पायलट को बताया गया था। बताया गया था कि सचिन पायलट गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में वह भी फिर से मायावती से बचने के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों का रुख कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए किसी के समर्थन की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहां मायावती ने पहले से ही अजीत जोगी की जनता कांग्रेस के साथ गठबंधन कर रखा है।