राजस्थान चुनाव: साथियों संग राजस्थान में घुसा आतंकी जाकिर मूसा, चुनाव से पहले दे सकता है बड़े वारदात को अंजाम
By धीरज पाल | Published: November 17, 2018 01:42 PM2018-11-17T13:42:25+5:302018-11-17T13:42:25+5:30
बताया जा रहा है कि आखिरी बार आतंकी जाकिर मूसा अपने साथियों के साथ अमृतसर में देखा गया था।
राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में आतंकी साया मंडरा रहा है। जम्मू कश्मीर में अलकायदा कमांडर और खूंखार आतंकवादी जाकिर मूसा राजस्थान में अपने अन्य साथियों के साथ राज्य में घूस गया है। बताया जा रहा है कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकता है। इसे मद्देनजर में रखते हुए राजस्थान में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। जगह-जगह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
इंडिया टुडे के मुताबिक आतंकी जाकिर मूसा पंजाब से राजस्थान में दाखिल हुआ है और बताया जा रहा है कि मूसा बड़े आतंकी हमले की फिराक में है। मीडिया रिपोर्ट्स कि मानें तो मूसा चोरी की गाड़ी लेकर फरार हुआ है। इसे देखते हुए अधिकारियों ने कई सीमाओं पर आतंकी मूसा को लेकर हाई अलर्ट जारी कर रखा है, और इस संबंध में चोरी की गई कार का नंबर के अलावा उसकी तस्वीर भी भेज दी गई है।
बताया जा रहा है कि आखिरी बार आतंकी जाकिर मूसा अपने साथियों के साथ अमृतसर में देखा गया था। वहीं, माना जा रहा है कि दिल्ली के तरफ सुरक्षा बढ़ा दिए जाने के बाद मूसा अपने साथियों के साथ फिरोजपुर से राजस्थान की ओर से चला गया। हालांकि राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षाकर्मी नाके पर दिल्ली से आने वाली हर गाड़ियों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
7 दिसंबर को डाले जाएंगे वोट
बता दें कि राजस्थान में 7 दिसंबर को एक चरण में वोट डाले जाएंगे और 11 दिसंबर को नतीजे सामने आएंगे। तारीखों का ऐलान होते ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गई थी।
राजस्थान में कुल 200 सीटों पर वोटिंग होगी। राजस्थान में उम्मीदवार 28 लाख तक खर्च कर पाएंगे। राज्य में 12 नवंबर को चुनाव अधिसूचना जारी होगी। वहीं, नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 19 नवंबर होगी और नाम वापसी 22 नवंबर तक होगी।
गौरतलब है कि राजस्थान में कुल 200 सीटों पर चुनाव होते हैं। इनमें से 142 सीट सामान्य हैं, जबकि 33 सीटें अनुसूचित जाति व 25 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
साल 2013 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 163 सीटों के साथ सरकार बनाई थी। जबकि कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी। तीसरी सबसे बड़ी पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी रही जिसे 4, व चौथे नंबर बहुजन समाज पार्टी रही, जिसे 3 सीटों पर जीत मिली। जबकि 7 सीटें निर्दलियों के खाते में गई थीं।