राजस्थान चुनावः अमित शाह ने राजस्थान के BJP नेताओं को दिया झटका, अब दोबारा तय होंगे प्रत्याशियों के नाम
By अनुभा जैन | Published: November 2, 2018 07:38 PM2018-11-02T19:38:44+5:302018-11-02T19:38:44+5:30
राजस्थान के 160 भाजपा विधायकों में प्रदेश नेतृत्व 95 से ज्यादा विधायकों को फिर से टिकट देना चाहता है। इनके अलावा 65 अन्य सीटें भी ऐसी हैं, जिन पर मौजूदा विधायक के साथ अन्य नाम भी विचाराधीन हैं।
राजस्थान की लगातार हो रही बैठकों व महामंथन के बावजूद अभी भी भाजपा में उम्मीदवारों और टिकटों को लेकर विचार जारी है। केंद्रीय नेतृत्व ने एंटीइंकमबेंसी या विरोधी लहर को दूर करने के लिए कम से कम 100 से ज्यादा विधायकों को हटाने का निर्णय लिया है। दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ हुई बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश नेतृत्व के पैनल को अस्वीकार कर प्रदेश के बड़े नेताओं को फिर से नाम तय करने की जिम्मेदारी दी है।
ओम माथुर को अलवर, चंद्रशेखर को जयपुर, गजेंद्रसिंह शेखावत को बीकानेर, राजेंद्र राठौड़ को गंगानगर, ओम बिड़ला को भरतपुर, निहालचंद मेघवाल को टोंक और अर्जुनराम मेघवाल को नागौर की जिम्मेदारी दी गई है। इन वरिष्ठ नेताओं से 11 नवंबर से पहले जिताऊ दावेदारों की सूचियों के साथ जातीय समीकरण, 1952 से लेकर अब तक हुए चुनावों के ट्रेंड समेत तमाम तरीके के सर्वे के साथ रिपोर्ट मांगी गयी है।
राजस्थान के 160 भाजपा विधायकों में प्रदेश नेतृत्व 95 से ज्यादा विधायकों को फिर से टिकट देना चाहता है। इनके अलावा 65 अन्य सीटें भी ऐसी हैं, जिन पर मौजूदा विधायक के साथ अन्य नाम भी विचाराधीन हैं। एक प्रत्याशी की जगह हर सीट के लिए एक से तीन नाम मांगे गये हैं।
केंद्रीय नेतृत्व का जोर नए चेहरों पर है। इस बात को भी नामंजूर कर दिया गया कि जिन विधायकों के टिकट काटे जाएं, उनके बेटे-पोते या परिवार के अन्य सदस्य को टिकट दिए जाएं। शाह की टीम प्रदेश भाजपा कांग्रेस के ट्रेंड को तोड़कर फिर भाजपा को सत्ता में लाने के कार्य में जीतोड मेहनत से जुटी है।