लाइव न्यूज़ :

राजस्थान चुनाव: इनके सहयोग के बिना राजस्‍थान में नहीं बन पाएगी अगली सरकार?

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: November 27, 2018 12:21 IST

घनश्याम तिवाड़ी, जयपुर के सांगानेर विस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं तथा उनके समर्थको को भरोसा है कि राजस्थान में अगली सरकार उनके सहयोग के बगैर नहीं बन पाएगी.

Open in App

राजस्थान विस चुनाव में इस बार जातिवाद, परिवारवाद आदि का जोर है, लिहाजा विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी जातिगत समीकरण के आधार पर ही टिकट वितरित किए हैं. जहां करणी सेना, राजस्थान ब्राह्मण महासभा जैसे संगठनों का सियासत पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष असर नजर आता है वहीं कांग्रेस, भाजपा सहित विभिन्न दलों में कई ऐसे नेता हैं जिनके पास सामाजिक सियासत की चाबी है.

सामाजिक सियासत का ही नतीजा है कि भाजपा ने वैसे तो मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, किंतु प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को रोकने के इरादे से मुस्लिम उम्मीदवार कैबिनेट मंत्री यूनुस खान को भाजपा का उम्मीदवार बना दिया. इसी तरह कांग्रेस ने सीएम वसुंधरा राजे को घेरने के इरादे से मानवेंद्र सिंह को उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतार दिया है.

हनुमान बेनिवाल जाट समाज के नए नेता बनकर उभरे हैं, जिनका असर जाट बाहुल्य क्षेत्रों में नजर आ रहा है. ब्राह्मण समाज का प्रभाव राजस्थान की राजनीति में ब्राह्मण समाज का प्रभाव रहा है. ब्राह्मणों की आबादी करीब 7-8 प्रतिशत है. पिछले विस चुनाव में ब्राह्मणों ने भाजपा का साथ दिया था. इन पांच वर्षों में केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों ने ब्राह्मणों को नाराज ही किया है.

जहां कांग्रेस में प्रदेश के प्रमुख नेता ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पं. भंवरलाल शर्मा हैं, वहीं भाजपा में पं. घनश्याम तिवाड़ी थे, परंतु इन पांच वर्षों में तिवाड़ी, सीएम राजे के खिलाफ ही रहे. जब तिवाड़ी की बात भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने नहीं सुनी तो उन्होंने अपनी नई पार्टी- भावापा, बना ली और अब वे तकरीबन एक तिहाई उम्मीदवारों के साथ चुनाव मैदान में हैं.

अब सीएम वसुंधरा राजे के विश्वसनीय एस.डी. शर्मा भाजपा का ब्राह्मण फेस बन कर उभर रहे हैं. ...तो शर्मा को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री पं. भंवरलाल शर्मा, सरदार शहर से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके समर्थकों को उम्मीद है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो शर्मा को सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.

घनश्याम तिवाड़ी, जयपुर के सांगानेर विस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं तथा उनके समर्थको को भरोसा है कि राजस्थान में अगली सरकार उनके सहयोग के बगैर नहीं बन पाएगी. एससी-एसटी मतदाताओं के लिए जहां भाजपा में पूर्व मंत्री किरोड़ीलाल मीणा है, वहीं कांग्रेस में पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय हैं. जहां मीणा उत्तरी राजस्थान में प्रभावी हैं, वहीं मालवीय का दक्षिण राजस्थान में विशेष असर है.

टॅग्स :विधानसभा चुनावराजस्‍थान चुनावभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारतबिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी के अंदर एक बार फिर शुरू हो गया है 'एकला चलो' की रणनीति पर गंभीर मंथन

भारत अधिक खबरें

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी