राजस्थानः विकास मेरी पहली प्राथमिकता, राज्यपाल कलराज मिश्र बोले- बाल विवाह मुक्त, बालिकाओं को पढ़ाना और रोजगार मेले पर फोकस
By धीरेंद्र जैन | Published: September 10, 2020 08:09 PM2020-09-10T20:09:38+5:302020-09-10T20:09:38+5:30
नवजात शिशु और माताओं के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना मेरी प्राथमिकताओं में है। मेरे द्वारा रेडक्रास के गठन के सम्बन्ध में सभी जिला अधिकारियों को जिला सम्बन्धी कमेटी के गठन के निर्देश दिये है ताकि राज्य स्तर पर भी रेडक्रास का विधिवत गठन कर निर्धारित कार्यों का संपादन कराया जा सके।
जयपुरः राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि कि प्रदेश का चहुंमखी विकास मेरी पहली प्राथमिकता है। इसके लिए हमें दिव्यांगों, बालिकाओं और महिलाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ना है। दिव्यांगों की हर संभव मदद के प्रयास करने हैं।
उनको आगे बढ़ाने के अवसर देने होंगे। बालिकाओं की शिक्षा के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। गांव, शहर जहां भी ऐसी बालिकाएं जो विद्यालय नहीं जा पा रही हैं। उन्हें शिक्षा से जोड़ना है। नवजात शिशु और माताओं के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना मेरी प्राथमिकताओं में है। मेरे द्वारा रेडक्रास के गठन के सम्बन्ध में सभी जिला अधिकारियों को जिला सम्बन्धी कमेटी के गठन के निर्देश दिये है ताकि राज्य स्तर पर भी रेडक्रास का विधिवत गठन कर निर्धारित कार्यों का संपादन कराया जा सके।
जनजातीय क्षेत्रों में कुल 40 गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने हेतु जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग को निर्देशित किया गया हैं। जनजातीय क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को समय पर छात्रवृति व शैक्षणिक व चिकित्सीय सुविधाएं प्रदान करने हेतु जनजातीय विकास विभाग को निर्देश दिये गए हैं।‘‘
कलराज मिश्र को बुधवार को राजस्थान में राज्यपाल पद पर एक साल पूरा हो गया
राज्यपाल कलराज मिश्र को बुधवार को राजस्थान में राज्यपाल पद पर एक साल पूरा हो गया है। राज्यपाल श्री मिश्र ने इस उपलक्ष्य में मीडिया से ऑनलाइन वार्ता की। राज्यपाल ने विगत एक वर्ष में राज्य में उनके द्धारा किये गये कार्यों और उपलब्धियों को प्रेस के साथ साझा किया। राज्यपाल ने आने वाले वर्षों में उनके द्धारा तय की गई प्राथमिकताओं के बारे में भी जानकारी दी।
राज्यपाल ने कहा कि वे चाहते है कि राज्य का सर्वागींण विकास हो। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राज्य के विकास के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम बनाया है। इन बिदुंओं में राज्यपाल ने बालक, बालिका, युवा, महिलाओं सहित उच्च शिक्षा के उन्नयन, वर्षा जल के संग्रहण, स्वस्थ राजस्थान और विलुप्त होती लोक कलाओं के सहजने की कार्य योजना को समाहित किया है।
राज्यपाल राजस्थान को बाल विवाह मुक्त बनाना तथा जनजातीय क्षेत्रों में प्रत्येक बालिका को कम से कम 18 वर्ष की आयु तक अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था को प्राथमिकताओं में शामिल किया है। राज्यपाल ने कहा है कि ‘‘रोजगार आपके द्वार‘‘ के तहत रोजगार वैन चलाकर कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से राजस्थान मे कम से कम 10 रोजगार मेलों का आयोजन कराया जायेगा।
पता चला कि कोटा संभाग में बाढ़ आई हुई है, तो मैंने तत्काल एरियल सर्वेक्षण किया
राज्यपाल ने कहा कि ‘‘जब मुझे पता चला कि कोटा संभाग में बाढ़ आई हुई है, तो मैंने तत्काल एरियल सर्वेक्षण किया। बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया और राज्यपाल राहत कोष से पचास लाख रुपये की राशि जल भराव क्षेत्रों के लिए प्रदान की। राज्यपाल राहत कोष उन लोगों की मदद करने में सक्षम है, जिनकों कहीं से सहायता नही मिल पाती है।
राज्यपाल राहत कोष के उद्देश्यों को विस्तारित किया गया है। इससे लोगों की मदद करने का दायरा बढ़ गया है। राज्यपाल राहत कोष की 18 वर्षों के अन्तराल में सन् 2002 के बाद 2020 में मैंने बैठक की। इस कोष का दायरा बढाकर अब अकाल, बाढ, दुर्घटना, प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की सहायता के लिए कर दिया गया है।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि ‘‘कोरोना सभी के लिए खतरनाक है। प्रदेश की जनता को हर हाल में सुरक्षित रखना है। राज्य मेें कोरोना को हराने के लिए चिकित्सकों ने प्रभावी कदम उठाये हैं। राज्य में जागरूता के निरन्तर प्रयास किये जा रहे है। कोविड की लड़ाई में राज्य सरकार के साथ कन्धे से कन्धा मिलाते हुए मैंने अपने चिकित्सा कर्मियों, पुलिस कर्मियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों का हौसला बढ़ाया।
राज्यपाल सभी विश्वविद्यालयों में संविधान उद्यान व संविधान स्तंभ बनाये जा रहे है। राजभवन में भी विश्वविद्यालय उद्यान के साथ-साथ संविधान उद्यान, संविधान स्तम्भ तथा एक संग्रहालय की स्थापना की जा रही है। जिससे पूरे राज्य की प्रतिकृति राज भवन में राजस्थान स्तम्भ के रूप में दिखाई देगी।‘‘
कलराज मिश्र ने कहा कि ‘‘मैं पिछले एक वर्ष में राज्य के 20 से अधिक जिलों का दौरा कर चुका हूँ। मैं बांसवाडा के सुदूर आदिवासी गांवों में भी गया। विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिये गए गांवों का भी मैंने दौरा किया। आवश्यकता है प्रतिभाओं को एक दिशा प्रदान करने की। यहां की उन्नति में अपना भी कुछ योगदान अर्पित कर सकूं, यही मेरा प्रयास है।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि ‘‘सैनिक कल्याण बोर्ड की लगभग पांच वर्ष के पश्चात मेरी अध्यक्षता में बैठक सम्पादित हुई। इसमें फौज में जाने के लिए प्रोत्साहन राशि को पांच हजार रूपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये करने, पूर्व सैनिकों की पुत्रियों के विवाह हेतु आर्थिक सहायता 15 हजार से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने, पूर्व सैनिकों के बच्चों की छात्रवृति राशि में बढ़ोतरी करने और शौर्य पदक से अलंकृत सशस्त्र सेना के कार्मिकों को राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा कराये जाने जैसे निर्णय लिये गये।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के साथ राजस्थान के पर्यटन विभाग का एमओयू कराया गया। जिसके अन्तर्गत राजस्थान के विभिन्न मेलों का प्रचार-प्रसार पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा किया जायेगा तथा कलाकारों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जायेगी। ताकि उन्हें ज्यादा पारिश्रमिक प्राप्त हो सके।‘‘