राजस्थान: CAG की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा- लगातार हो रहे अतिक्रमणों पर आंखें मूंदे रही थी वसुंधरा राजे सरकार
By धीरेंद्र जैन | Published: July 19, 2019 11:38 PM2019-07-19T23:38:09+5:302019-07-19T23:38:09+5:30
रिपोर्ट के अनुसार पिछली सरकार के दौरान सरकारी भूमि की निगरानी के लिए भूमि के डेटाबेस की कोई केन्द्रीयकृत व्यवस्था नहीं रही थी और 5 तहसीलो में 1.78 लाख वर्ग मीटर भूमि पर अतिक्रमण चिन्हित होने के बाद भी उसे अतिक्रमण रजिस्टर में दर्ज नहीं किया गया।
राजस्थान विधानसभा में प्रस्तुत की गई कैग की रिपोर्ट यह बताती है कि पिछली प्रदेश भाजपा सकरार ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं की। इसी प्रकार पंजीयन शुल्क और मुद्रांक कर की कम वसूली करके भी सरकारी खजाने को हानि पहुंचाई गई।
भारत के नियंत्रक एवं लेखा परीक्षक (कैग) की ओर से विधानसभा में वर्ष 2017-18 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में सरकारी भूमि की संभाल करने और वहां से अतिक्रमियों को हटाने के लिए प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। वहीं ई पंजीयन की खामियों के चलते पंजीयन शुल्क और मुद्रांक कर की भी कम वसूली हुई।
रिपोर्ट के अनुसार पिछली सरकार के दौरान सरकारी भूमि की निगरानी के लिए भूमि के डेटाबेस की कोई केन्द्रीयकृत व्यवस्था नहीं रही थी और 5 तहसीलो में 1.78 लाख वर्ग मीटर भूमि पर अतिक्रमण चिन्हित होने के बाद भी उसे अतिक्रमण रजिस्टर में दर्ज नहीं किया गया। 10 तहसीलों में लगभग 3100 अतिक्रमियों द्वारा 30.77 लाख वर्ग मीटर भूमि पर अतिक्रमण किया गया। लेकिन इस मुक्त करने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी 10 माह बीतने पर सरकार ने नीति तैयार की। वहीं अतिक्रमण रोकने के लिए सतर्कता एवं अतिक्रमण निरोधक प्रकोष्ठ बनाया ही नहीं।
इसी प्रकार नियमों की अनदेखी के कारण कृषि भूमि के भू रूपांतरण व नियमतिकरण के पेटे 2.80 करोड़ रुपये की कम वसूली हुई। जिला आबकारी अधिकारियों की गलत गणना के चलते सरकार को 1.33 करोड़ का नुकसान हुआ। वहीं पंजीयन एवं मुद्राक विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण विभाग व सरकार को 66.64 करोड की कम वसूली हुई।