राजस्थान चुनावः PM पद के लिए मायावती की उम्मीदवारी की अग्निपरीक्षा है ये चुनाव?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: November 21, 2018 03:53 PM2018-11-21T15:53:40+5:302018-11-21T15:53:40+5:30

यह लगभग तय है कि लोकसभा चुनाव के बाद किसी विषम राजनीतिक परिस्थिति में भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर क्षेत्रीय दल का कोई नेता पीएम पद की दावेदारी के लिए आगे आया तो पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के अलावा यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का नाम प्रमुख है।

rajasthan assembly election 2018: pm candidate 2019 mayawati bsp and grand alliance | राजस्थान चुनावः PM पद के लिए मायावती की उम्मीदवारी की अग्निपरीक्षा है ये चुनाव?

राजस्थान चुनावः PM पद के लिए मायावती की उम्मीदवारी की अग्निपरीक्षा है ये चुनाव?

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में राजस्थान विस का चुनाव कई कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है। वर्ष 2013 में यहीं से कांग्रेस को हराकर भाजपा ने जीत की नई कहानी लिखनी शुरू की थी, जब विस चुनाव में शानदार कामयाबी के बाद लोकसभा चुनाव- 2014 राजस्थान की 25 में से 25 सीटें भाजपा ने जीत लीं थी।

सवाल यह है कि- क्या यहीं से कांग्रेस भी अपनी कामयाबी की नई कहानी लिखना शुरू कर पाएगी? राजनीतिक जानकार इसीलिए इस चुनाव को विस चुनाव से ज्यादा पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच शक्ति परीक्षण के तौर पर देख रहे हैं। लेकिन, इस बीच खास चर्चा यह भी है कि ये विस चुनाव पीएम पद के लिए मायावती की उम्मीदवारी की भी अग्निपरीक्षा हैं।

यह लगभग तय है कि लोकसभा चुनाव के बाद किसी विषम राजनीतिक परिस्थिति में भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर क्षेत्रीय दल का कोई नेता पीएम पद की दावेदारी के लिए आगे आया तो पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के अलावा यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का नाम प्रमुख है। परन्तु, भाजपा और कांग्रेस के अलावा कोई ऐसा सियासी दल नहीं है जो पचास सीटों का भी आंकड़ा अकेले दम पर पार कर सके। 

बसपा के लिए यूपी में संभावनाएं बन रहीं हैं, किन्तु वहां अकेले बसपा जीत नहीं सकती और गठबंधन में उसे अधिकतम चालीस सीटें ही मिल सकती हैं। यही वजह है कि इन विस चुनावों के बहाने मायावती इन राज्यों में बसपा का आधार बढ़ाने में लगी हैं।

इन चुनावों में कांग्रेस से बसपा का गठबंधन भी इसीलिए नहीं हो पाया कि बसपा, कांग्रेस से अपनी ताकत से ज्यादा सीटों की मांग कर रही थी, जबकि कांग्रेस अपने पक्ष के ऐसे सियासी माहौल के चलते इतनी अधिक सीटें बसपा के लिए कैसे छोड़ देती?

विस चुनावी इतिहास में बसपा की एकाधिक राज्यों में प्रभावी मौजूदगी तो रही है, किन्तु सीटों के मोर्चे पर कोई खास कामयाबी दर्ज नहीं है। जाहिर है, पीएम पद के लिए मायावती की दावेदारी तभी मजबूत हो पाएगी, जब बसपा कई राज्यों में अपना असर दिखा पाएगी।
राजस्थान विस चुनाव के लिए बसपा ने 61 उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी की थी, उसे मिला कर बसपा के कुल 78 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। मतलब, करीब चालीस प्रतिशत सीटों पर बसपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। 

मायावती का सियासी कद इसी पर निर्भर है कि इन विस चुनावों में बसपा कितनी सीटें जीतती है और कितने प्रतिशत वोट हांसिल कर पाती है?

Web Title: rajasthan assembly election 2018: pm candidate 2019 mayawati bsp and grand alliance

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