राजस्थान के अजमेर के अर्जनपुरा में एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाकर 17 बच्चे बीमार हो गए। सीएमएचओ केके सैनी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ''बच्चों को अस्पताल ले जाया गया और अब उनकी हालत स्थिर है। फूड सेफ्टी ऑफिसर को भोजन का सैंपल लेने के लिए भेजा गया था। हम इसमें आगे की कार्रवाई कर रहे हैं।''
बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में यूपी के मिर्जापुर जिले के राम अत्ररी गांव के प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील के भगोने में एक तीन वर्षीय बच्ची गिर गई थी। इस हादसे में बच्ची की मौत हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स में पता चला था कि बच्ची स्कूल की छात्रा नहीं थी। घटना के बाद जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया था और रसोइयों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
बता दें अपने भाइयों के साथ विद्यालय आ जाया करती थी, उसका वहां नामांकन नहीं था। उस दिन रसोईये किसी काम से बाहर गए हुए थे। इसी बीच बच्चे मिड डे मील के लिए जमा हो गए। धक्का-मुक्की में बच्ची गर्म सब्जी में गिर गई, उसे निकालने के लिए बच्चों ने रसोइयों को बुलाया। उन्हें आने में देर हुई तो विद्यालय के अध्यापक नवनीत कुमार वर्मा ने बच्ची को बाहर निकाला। इतनी देर में बच्ची 80% तक झुलस गई थी।
बच्ची को तुरंत एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे मंडलीय अस्पताल भेज दिया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मामले की विभागीय जांच का आदेश दिया था।
पिछले वर्ष नवंबर में मिड-डे मील से जुड़े एक मामले चौंकाया था। सोनभद्र के एक गांव में प्राथमिक विद्यालय में एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाकर बच्चों को पिला दिया गया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
वहीं, पिछले वर्ष दिसंबर में मुजफ्फरनगर के एक स्कूल के मिड-डे मील में मरा हुआ चूहा मिला था। जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए थे।