Raj and Uddhav Thackeray: एकसाथ रहने के लिए साथ आए हैं?, उद्धव और राज ने सार्वजनिक मंच साझा कर भाजपा सरकार ने किया हमला, देखिए वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 5, 2025 14:50 IST2025-07-05T14:39:01+5:302025-07-05T14:50:37+5:30
Raj and Uddhav Thackeray: आपने महाराष्ट्र की रीढ़ तोड़ने के लिए सभी प्रयास किए हैं और ऐसा करना जारी रखा है, और आप हमसे सवाल पूछ रहे हैं?

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Raj and Uddhav Thackeray: शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा सरकार पर करारा हमला किया और पीएम मोदी से पूछे सवाल। ठाकरे ने कहा कि हमसे हमेशा पूछते हैं कि हमने BMC में अपने शासन के दौरान मुंबई में मराठी लोगों के लिए क्या किया। अब हम सवाल पूछ रहे हैं,आपके शासन के पिछले 11 वर्षों में, आपने क्या किया है? आपने मुंबई के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को गुजरात में धकेल दिया है। व्यवसाय गुजरात में स्थानांतरित हो रहे हैं। बड़े कार्यालय गुजरात जा रहे हैं। हीरा व्यवसाय पहले ही गुजरात में स्थानांतरित हो चुका है, आपने महाराष्ट्र की रीढ़ तोड़ने के लिए सभी प्रयास किए हैं और ऐसा करना जारी रखा है, और आप हमसे सवाल पूछ रहे हैं?" ठाकरे ने राज ठाकरे के साथ रैली में कहा कि हम एक साथ रहने के लिए साथ आए हैं।
#WATCH | Maharashtra: A person dressed up as Balasaheb Thackeray also attended the joint rally of Uddhav Thackeray faction (UBT) and Maharashtra Navnirman Sena (MNS) at Worli Dome in Mumbai pic.twitter.com/H0mSBLGa10
— ANI (@ANI) July 5, 2025
#WATCH | Mumbai | On the joint rally of Shiv Sena (UBT) and Maharashtra Navnirman Sena (MNS), Shiv Sena (UBT) leader Kishori Pednekar says, "Both of them have kept forward the things that the people of Maharashtra wanted to say. This bond is stronger than that of Fevicol..." pic.twitter.com/Cbi8m37aeq— ANI (@ANI) July 5, 2025
शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की संयुक्त रैली पर शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुवेर्दी ने कहा, "19 साल बाद दोनों भाई एक साथ आए हैं। एकजुटता बनी रहेगी। महाराष्ट्र में मराठी हित, महाराष्ट्र का हित सबसे ऊपर है...जनता का उत्साह दिखा रहा है कि उनके मन में कितना था कि दोनों भाई एक साथ आएं।"
#WATCH | Mumbai | On the joint rally of Shiv Sena (UBT) and Maharashtra Navnirman Sena (MNS), Shiv Sena (UBT) MP Priyanka Chaturvedi says, "We have witnessed a historic moment. As Raj Thackeray said, what Balasaheb couldn't do, Devendra Fadnavis has done. This shows that they… pic.twitter.com/w8LQa7SE9z
— ANI (@ANI) July 5, 2025
ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वह और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ‘‘एकसाथ रहने के लिए साथ आए हैं।’’ उद्धव ने लगभग 20 वर्ष बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख के साथ राजनीतिक मंच साझा किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह और राज मिलकर मुंबई नगर निगम और महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जा करेंगे।
उद्धव ने कहा, ‘‘हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं।’’ दो दशकों के बाद उद्धव और राज ने सार्वजनिक मंच साझा किया और ‘आवाज मराठीचा’ नामक एक विजय सभा आयोजित की जो राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के लिए सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए की गई।
#WATCH | Worli, Mumbai: On the joint rally of Uddhav Thackeray faction (UBT) and Maharashtra Navnirman Sena (MNS), Shiv Sena (UBT) leader Anand Dubey says, "Both the brothers have shown that they are descendants of Balasaheb Thackeray and they are the ones who are taking forward… pic.twitter.com/yO8AgAxZWa
— ANI (@ANI) July 5, 2025
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया त्रिभाषा फॉर्मूला मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की उसकी योजना का संकेत था। उन्होंने यह बात अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में कही। दोनों भाइयों ने करीब 20 साल बाद राजनीतिक मंच साझा किया।
राज ठाकरे ने ‘विजय’ रैली को संबोधित करते हुए मजाकिया अंदाज में कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें और उद्धव को साथ ला दिया है और यह ऐसा काम है जो बालासाहेब ठाकरे भी नहीं कर सके। दो दशक के बाद उद्धव और राज ने सार्वजनिक मंच साझा किया और ‘आवाज मराठीचा’ नामक विजय सभा का आयोजन किया जिसका उद्देश्य राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने संबंधी सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाना था।
मनसे प्रमुख ने मंच पर बैठे उद्धव के सामने कहा, ‘‘मराठी लोगों की मजबूत एकता के कारण महाराष्ट्र सरकार ने त्रिभाषा फॉर्मूले पर फैसला वापस ले लिया। यह फैसला मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की योजना का संकेत था।’’