बंद एम्बुलेंस में दम घुटने से मासूम की मौत, पिता को नहीं तोड़ने दी गई खिड़की
By पल्लवी कुमारी | Published: July 18, 2018 02:11 AM2018-07-18T02:11:33+5:302018-07-18T02:11:33+5:30
एम्बुलेंस के गेट को खुलवाने के लिए मैकेनिक के पास ले जाया गया लेकिन वहां भी कुछ नहीं हुआ। इसके बाद मृत बच्चे के पिता ने एम्बुलेंस की खिड़की को तोड़नी चाही लेकिन वह भी नहीं हो पाया।
रायपुर, 18 जुलाई: आपने अस्पताल में इलाज ना मिलने की वजह से तो लोगों की जान जाने की खबर सुनी होगी लेकिन ऐसा नहीं सुना होगा कि एम्बुलेंस में फंसे रहने की वजह से किसी बच्चे की जान चली गई। मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सबसे नामी सरकारी अस्पताल डॉ. भीमराव अंबेडकर का है। अस्पताल पहुंचने पर एम्बुलेंस का गेट लॉक हो गया। जिसके बाद तकरीब 2 घंटे तक गेट नहीं खुला और दम घुटने की वजह से दिल का इलाज करवाने आए बच्चे की मौत हो गई।
17 जुलाई की सुबह बिहार के गयार के रहने वाले अम्बिका कुमार अपनी पत्नी के साथ अपने दो महीने के मासूम बेटे के इलाज के लिए रायपुर आए थे। स्टेशन से उसे अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती करवाने वो सरकारी एम्बुलेंस से गए। जैसे ही एम्बुलेंस मासूम को लेकर अस्पताल पहुंची तो वहां का गेट ही लॉक हो गया और वह खुला ही नहीं।
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अस्पताल प्रशासन ने तकरीबन डेढ़ घंटे लगातार कोशिश की लेकिन गेट नहीं खुली। इसके बाद बंद एम्बुलेंस के गेट को खुलवाने के लिए मैकेनिक के पास ले जाया गया लेकिन वहां भी कुछ नहीं हुआ। इसके बाद मृत बच्चे के पिता ने एम्बुलेंस की खिड़की को तोड़ना चाहा लेकिन वह भी नहीं हो पाया।
बच्चे के पिता का आरोप है कि जब उन्होंने घबराहट में जब खिड़की तोड़नी चाही तो उन्हें धमकाया गया कि सरकारी संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाए, नहीं तो काफी बुरा होगा। आखिरकर बच्चे को करीब दो घंटे बाद एम्बुलेंस की खिड़की से बाहर निकाला गया तब मासूम की दम घुटने से मौत हो गई थी।
Baby dies in locked ambulance; Parents stopped from breaking windows https://t.co/hCIZTzOMs8pic.twitter.com/F5Eo3EUno0
— NDTV Videos (@ndtvvideos) July 17, 2018
मासूम की मौत से अम्बिका कुमार और उसकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। अम्बिका कुमार मासूम के इलाज के लिए एम्स दिल्ली से रायपुर पहुंचा था। वहीं अस्पताल प्रशासन ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध ली है। वह कुछ भी कहने से साफ मना कर रहे हैं।
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