महिलाओं की सुरक्षा के लिए रेलवे ने की अनोखी पहल, मेरी सहेली-जेंडर एस्कॉर्ट टीम सहित कई ऐसी योजनाएं जिनके बारे में आपको होना चाहिए पता

By अंजली चौहान | Published: August 12, 2023 04:30 PM2023-08-12T16:30:59+5:302023-08-12T16:36:20+5:30

रेलवे डिस्प्ले नेटवर्क (आरडीएन) पर प्रदर्शित पोस्टर, बैनर, पत्रक और वीडियो जैसे माध्यमों का उपयोग करके जागरूकता अभियानों की एक श्रृंखला नियमित रूप से आयोजित की जाती है।

Railways took a unique initiative for the safety of women including my friend-gender escort team many such schemes that you should know about | महिलाओं की सुरक्षा के लिए रेलवे ने की अनोखी पहल, मेरी सहेली-जेंडर एस्कॉर्ट टीम सहित कई ऐसी योजनाएं जिनके बारे में आपको होना चाहिए पता

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Highlightsभारतीय रेलवे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए जा रहे है अकेले सफर करने वाली महिलाओं के लिए मेरी सहेली की पहल की गई हैकोचों में लिंग संतुलित एस्कॉर्ट टीमें तैनात करने का निर्देश है

नई दिल्ली:भारतीय रेलवे में हर रोज लाखों की संख्या में लोग सफर करते हैं। इनमें महिलाओं को सफर के दौरान कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अपनी महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भारतीय रेलवे ने अनोखी मुहिम चलाई है।

रेलवे सुरक्षा बल आरपीएफ द्वारा चलाई जा रही इस मुहिम का नाम 'मेरी सहेली' है। मेरी सहेली नाम की इस पहल से रेल सुरक्षा बल की टीम ट्रेन में सफर कर रही महिला यात्रियों के पास जाकर उनसे बात करेगी और अगर यात्रियों को कोई परेशानी होगी तो फौरन इसका हल निकाला जाएगा। 

दरअसल, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा आंकड़े जारी किए गए है जिसके अनुसार, भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में यात्रा करने वाली महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट देखी है।

2021 तक संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2018 और 2019 की तुलना में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में काफी कमी आई है। कोविड-19 के कारण यात्री ट्रेन संचालन में गंभीर व्यवधान के कारण वर्ष 2020 के डेटा को तुलना से बाहर रखा गया था। हालाँकि, वर्ष 2022 और वर्तमान वर्ष की जानकारी एनसीआरबी द्वारा जारी की जानी बाकी है।

इस बीच, सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) और स्थानीय पुलिस बलों के सहयोग से, रेलवे ने ट्रेन यात्रा के दौरान यात्रियों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मेरी सहेली का गठन किया है। हालांकि, बहुत सी महिलाओं को इसके बारे में पता नहीं है। ऐसे में आपको बताते हैं इससे जुड़ी जरूरी बातें...

- सोशल मीडिया के माध्यम से निगरानी 

रेलवे यात्रियों के साथ जुड़ने, सुरक्षा बढ़ाने और उनकी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए ट्विटर, फेसबुक और कू सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिए ट्रेनों में निगरानी की जा रही है। 

- संवेदनशील ट्रेनों की एस्कॉर्टिंग

संवेदनशील और चिन्हित मार्गों पर चलने वाली ट्रेनों में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों के अलावा, राज्य सरकार रेलवे पुलिस द्वारा प्रतिदिन एस्कॉर्ट किया जाता है।

- सार्वजनिक घोषणाएं

ट्रेन में व स्टेशनों पर सार्वजनिक तौर पर घोषणाएं किए जाने का काम रेलवे द्वारा किया जा रहा है। जिसमें बार-बार घोषणाएँ की जाती हैं, जिसमें यात्रियों को चोरी, झपटमारी, नशीली दवाओं और अन्य संभावित खतरों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

- 24/7 हेल्पलाइन नंबर

रेलवे हेल्प लाइन नंबर 139 चौबीसों घंटे चालू रहता है, जो संकट में फंसे यात्रियों को सुरक्षा संबंधी सहायता प्रदान करता है।

- 'मेरी सहेली' पहल

अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए 'मेरी सहेली' नामक एक पहल शुरू की गई है। यह पहल आरंभिक स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक की पूरी यात्रा को कवर करती है।

- लिंग-संतुलित एस्कॉर्ट टीमें

रेलवे जोन सुरक्षा के लिए ट्रेन एस्कॉर्ट पार्टियों में पुरुष और महिला आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मियों के संतुलित संयोजन को तैनात करने की योजना बनाई गई है।

- राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति

रेलवे सुरक्षा व्यवस्था की गहन निगरानी और मूल्यांकन के लिए, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रेलवे के लिए राज्य स्तरीय सुरक्षा समितियाँ (एसएलएससीआर) स्थापित की गई हैं, जिनकी अध्यक्षता संबंधित पुलिस महानिदेशक या आयुक्त करते हैं।

- वूमेन कोच में पुरुषों के आने पर रोक

रेलवे ने महिलाओं के लिए अलग से डिब्बे निर्धारित किए हैं। इन कोचों में केवल महिलाएं ही प्रवेश कर सकती है और रेलवे कर्मियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता किसी पुरुष का इन कोचों में प्रवेश न हो सके।

रेलवे के निरंतर प्रयास और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वित कार्रवाई उनकी ट्रेन यात्रा के दौरान यात्रियों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

जबकि 2022 और उससे आगे के लिए एनसीआरबी डेटा की प्रतीक्षा है, वर्तमान पहल सभी यात्रियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने पर केंद्रित है।

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