'जितनी ट्रेन चाहिए उतनी मिलेंगी', उद्धव ठाकरे के बयान पर रेल मंत्री पीयूष गोयल का पलटवार
By स्वाति सिंह | Updated: May 24, 2020 21:55 IST2020-05-24T21:55:28+5:302020-05-24T21:55:28+5:30
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को ठाकरे ने एक बयान में कहा कि प्रवासी मजदूरों को उनके गांव भेजने के लिए केंद्र की ओर से एक फूटी कौड़ी नहीं आई है

'जितनी ट्रेन चाहिए उतनी मिलेंगी', उद्धव ठाकरे के बयान पर रेल मंत्री पीयूष गोयल का पलटवार
नई दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया है। गोयल ने कहा कि हमारे पास अभी तक महाराष्ट्र सरकार की ओर से अभी तक कोई जानकारी नहीं आई है। हम यह नहीं चाहते कि ट्रेन स्टेशन पर खाली खड़ी रहें।
गोयल ने कहा, 'डेढ़ घंटा बीत चुका है लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक सोमवार को चलने वाली 125 ट्रेनों को लेकर महाप्रबंधक को कोई जानकारी नहीं दी है। योजमा बनाने में समय लगता है और हम यह नहीं चाहते कि ट्रेनें स्टेशनों पर खाली खड़ी रहें। ऐसे में बिना पूरी जानकारी के योजना बनाना संभव नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि महाराष्ट्र सरकार प्रवासी मजदूरों की बेहतरी के लिए किए जा रहे प्रयासों में सहयोग करेगी।'
I hope that the Government of Maharashtra will fully cooperate in the efforts made for the benefit of migrant labourers.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) https://twitter.com/PiyushGoyal/status/1264578461827383297?ref_src=twsrc%5Etfw">May 24, 2020
इसके साथ ही रेल मंत्री ने ट्वीट किया, 'उद्धव जी, आशा है आप स्वस्थ हैं, आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभेच्छा। कल हम महाराष्ट्र से 125 श्रमिक स्पेशल ट्रेन देने के लिए तैयार हैं। आपने बताया कि आपके पास श्रमिकों की लिस्ट तैयार है। सभी जानकारी एक घंटे में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पहुंचा दें जिससे ट्रेनों की व्यवस्था समय पर हो सके।
उन्होंने कहा कि इन जानकारियों में कहां से ट्रेन चलेगी, यात्रियों की ट्रेनों के हिसाब से सूची, उनका मेडिकल सर्टिफिकेट और कहां ट्रेन जानी है, यह सब होना चाहिए।
गोयल ने तंज कसते हुए लिखा, 'उम्मीद है कि पहले की तरह ट्रेन स्टेशन पर आने के बाद, वापस खाली न जाना पड़े। आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि आपको जितनी ट्रेन चाहिए उतनी उपलब्ध होंगी।'
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को ठाकरे ने एक बयान में कहा कि प्रवासी मजदूरों को उनके गांव भेजने के लिए केंद्र की ओर से एक फूटी कौड़ी नहीं आई है, महाराष्ट्र सरकार इस काम में करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है।