रायगढ़ बस हादसाः बारिश, धुंध के बाद भी नहीं रोका गया शवों को निकालने का काम
By भाषा | Published: July 30, 2018 04:55 PM2018-07-30T16:55:33+5:302018-07-30T16:55:33+5:30
कलेक्टर ने बताया ‘‘बस में सवार सभी लोग हंस रहे थे, लुत्फ उठा रहे थे और दूसरे ही क्षण एक बचे हुए शख्स को छोड़कर उनके लिये सबकुछ खत्म हो गया।’’
अलीबाग, 30 जुलाईः पोलाडपुर बस हादसे में मारे गए लोगों के शवों को निकालने में जुटे राहतकर्मियों के जज्बे को बारिश और धुंध भी नहीं रोक पाई। रायगढ़ के जिला कलेक्टर डॉ. विजय सूर्यवंशी ने कहा, ‘‘राहतकर्मियों ने तब तक आराम नहीं किया जब तक रविवार को 800 फुट गहरी खाई में गिरी बस से सभी शवों को बरामद नहीं कर लिया गया।’’
दुर्घटनास्थल, रायगढ़ जिले के पोलाडपुर, मुंबई से 180 किलोमीटर दूर है। सभी बस यात्री रत्नागिरि जिले के डापोली में बालासाहेब सावंत कोंकण कृषि विद्यापीठ से थे। सूर्यवंशी ने पीटीआई से कहा, ‘‘बस में सवार सभी लोग हंस रहे थे, लुत्फ उठा रहे थे और दूसरे ही क्षण एक बचे हुए शख्स को छोड़कर उनके लिये सबकुछ खत्म हो गया।’’
कलेक्टर ने कहा, ‘‘जैसे ही हादसे की जानकारी हम तक पहुंची जिला प्रशासन फौरन हरकत में आया। हमने 15 एंबुलेंस और राहतकर्मियों के पांच समूहों को तैनात किया और राहत अभियान शुरू किया।’’
इस हादसे के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पीड़ित परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बस हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। हम ऐसे कदम उठा रहे हैं जिससे ऐसे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
स्थानीय विधायक भारत गोगवाले ने बताया कि बस में एक कर्मचारी बच गया है। यह घटना सुबह 10 बजे हुई थी। जैसे ही सूचना प्राप्त हुई, महाबलेश्वर की पुलिस और ट्रैकर्स तुरंत मौके पर पहुंचे। स्थानीय मजदूरों की भी मदद ली जा रही है।
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