राहुल गांधी की चेतावनी, कोरोना की तीसरी लहर के खतरे से सरकार को किया आगाह, टीकाकरण को गति तेज हो
By शीलेष शर्मा | Published: August 26, 2021 05:36 PM2021-08-26T17:36:22+5:302021-08-26T17:37:29+5:30
कोविड-19 के 46,164 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,25,58,530 हो गई।
नई दिल्लीः कोरोना महामारी की भयाभय त्रासदी झेल चुके देश के सामने तीसरी लहर के काले बादल मंडराने लगे हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 46 हजार 164 नए मामले सामने आये हैं और लगभग 607 लोग काल के गाल में समा गए।
केरल के आंकड़ों में 51 फीसदी का उछाल एक बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है। इन आंकड़ों से परेशान राहुल गांधी ने लोगों को सचेत करते हुये ट्वीट किया है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 के मामलों में वृद्धि चिंताजनक है। टीकाकरण को गति दी जानी चाहिए ताकि अगली लहर में महामारी के गंभीर प्रभाव से बचा जा सके। कृपया अपना ध्यान रखें क्योंकि भारत सरकार ‘बेचने’ में व्यस्त है।’’
Rising #COVID numbers are worrying. Vaccination must pick up pace to avoid serious outcomes in the next wave.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 26, 2021
Please take care of yourselves because GOI is busy with sales.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोविड-19 महामारी के मामलों में बढ़ोतरी को चिंताजनक करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि टीकाकरण की गति तेज करने की जरूरत है ताकि अगली लहर में महामारी के गंभीर प्रभाव से बचा जा सके। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की और राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए यह आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस समय ‘बेचने’ में लगी हुई है।
सबसे पहले ईमान बेचा और अब…#IndiaOnSale
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 25, 2021
राहुल ने मोदी सरकार पर ट्वीट के ज़रिए परोक्ष हमला किया कि सरकार कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को गंभीरता से नहीं ले रही है और उसका पूरा ध्यान देश की सम्पत्तियों को बेचने पर केंद्रित है। राहुल का सीधा आरोप था कि मोदी सरकार ने सबसे पहले ईमान बेचा और अब देश बेच रहे हैं।
उन्होंने याद दिलाया कि पहली और दूसरी लहर से पहले भी सरकार को चेताया था, लेकिन सरकार ने उसकी अनदेखी की जिसका नतीज़ा सभी के सामने है। अब जिस तरह कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं वह बड़ी खतरे की घंटी है परंतु मोदी सरकार पहले की तरह इस महामारी को लेकर गंभीर नहीं है।