वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल रियायत खत्म करने पर राहुल गांधी का केंद्र पर हमला, कहा- मित्रों के लिए तारे तक तोड़कर लाएंगे मगर...
By मनाली रस्तोगी | Published: July 22, 2022 05:09 PM2022-07-22T17:09:38+5:302022-07-22T17:10:38+5:30
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में केंद्र सरकार पर संसद में मुद्रास्फीति और "एजेंसियों के दुरुपयोग" जैसे मुद्दों पर चर्चा करने की कथित कमी को लेकर निशाना साधा था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि "तानाशाही पर सच्चाई की जीत होगी"।
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को देश में वरिष्ठ नागरिकों को रेल टिकट में रियायत का लाभ देने से इनकार करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां सरकार विज्ञापनों में लाखों करोड़ खर्च कर रही है, पीएम के लिए नए विमान खरीद रही है और उद्योगपति मित्रों को टैक्स में छूट दे रही है, वहीं देश के बुजुर्गों को रेल टिकट में रियायत देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये नहीं हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि दोस्तों के लिए सितारे भी लाएंगे लेकिन नागरिकों को पैसे के लिए तरसेंगे। राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "विज्ञापनों का खर्च: ₹911 Cr, नया हवाई जहाज: ₹8,400 Cr, पूंजीपति मित्रों के टैक्स में छूट: ₹1,45,000 Cr/साल, लेकिन सरकार के पास बुजुर्गों को रेल टिकट में छूट देने के लिए ₹1500 करोड़ नहीं हैं। मित्रों के लिए तारे तक तोड़ कर लाएंगे, मगर जनता को कौड़ी-कौड़ी के लिए तरसाएंगे।"
विज्ञापनों का ख़र्च: ₹911 Cr
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 22, 2022
नया हवाई जहाज़: ₹8,400 Cr
पूंजीपति मित्रों के टैक्स में छूट: ₹1,45,000 Cr/साल
लेकिन सरकार के पास बुज़ुर्गों को रेल टिकट में छूट देने के लिए ₹1500 करोड़ नहीं हैं।
मित्रों के लिए तारे तक तोड़ कर लाएंगे, मगर जनता को कौड़ी-कौड़ी के लिए तरसाएंगे।
इससे पहले केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में घोषणा की थी कि रेलवे टिकटों में वरिष्ठ टिकटों को रियायतें देना फिर से शुरू करने का उसका इरादा नहीं है। सरकार ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायती ट्रेन टिकट "वांछनीय नहीं है"। उल्लेखनीय है कि दो साल पहले केंद्र ने कोविड से संबंधित पाबंदियों का हवाला देते हुए वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन टिकट में रियायत देना बंद कर दिया था।
लोकसभा को जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक लिखित जवाब में कहा कि रियायतें देने में रेलवे को भारी कीमत चुकानी पड़ती है। वैष्णव ने कहा, "...इसलिए, वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी श्रेणियों के यात्रियों के लिए रियायतों का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है।"