लंदन में राहुल गांधी ने सिख दंगों में कांग्रेस का हाथ होने से किया इनकार, रामचंद्र गुहा ने याद दिलाया इतिहास
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 25, 2018 06:25 PM2018-08-25T18:25:36+5:302018-08-28T16:10:32+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रिटेन के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इससे पहले वो जर्मनी गये थे। अपने विदेश दौरे में राहुल ने आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से की जिसपर बीजेपी ने उनका कड़ा विरोध किया।
लंदन, 25 अगस्त: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने दो दिवसीय ब्रिटेन दौर के पहले दिन ही यह कहकर विवाद को जन्म दे दिया है कि 1984 में हुए सिख दंगों में कांग्रेस के नेता शामिल नहीं थे।
हालाँकि राहुल गांधी ने सिख दंगों को बेहद दुखद बताते हुए उसके दोषियों को सजा देने का पूरी तरह समर्थन किया।
राहुल ने कहा, "मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है। भारत में कानूनी प्रक्रिया चल रही है लेकिन जहां तक मैं मानता हूं उस समय कुछ भी गलत किया गया तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करता हूं।"
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या के बाद 1984 में हुए दंगों में करीब 3,000 सिख मारे गए थे। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।
राहुल गांधी को लोगों ने सिखाया इतिहास का पाठ
सिख दंगों में कांग्रेस पार्टी के न शामिल होने के राहुल गांधी के बयान पर सोशल मीडिया में उबाल आया हुआ है।
नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री और अकाली नेता हरसिमरत कौर, इतिहासकार रामचंद्र गुहा और पत्रकार हरिंदर बावेजा जैसे कई महत्वपूर्ण नागरिकों ने कांग्रेस अध्यक्ष को इतिहास का पाठ पढ़ाया है।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की सिख दंगों पर रिपोर्ट शेयर करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को रिपोर्ट के अंश पढ़ने की सलाह दी है।
गुहा ने पीयूसीएल-पीयूडीआर की रिपोर्ट का ये अंश ट्वीट किया है- "सबसे ज्यादा प्रभावित त्रिलोकपुरी, मंगोलपुरी और सुल्तानपुरी इलाकों में भीड़ का नेतृत्व स्थानी कांग्रेसी नेता और लोक गुण्डे कर रहे थे।"
From the authoritative PUDR/PUCL report on the 1984 pogrom against Sikhs:
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) August 25, 2018
"In the area which were most affected, such as Trilokpuri, Mangolpuri and Sultanpuri, the mobs were led by local Congress (I) politicians and hoodlums of that locality":https://t.co/8tKOh8teNahttps://t.co/0xBBBlX1lo
पत्रकार हरिंदर बावेजा ने ट्वीट करके राहुल से कहा कि वो अगर आधे दिन तक उनके साथ रहें तो वो उन्हें उन विधवाओं से मिलवा देंगी जो अपने पतियों की हत्या के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस नेताओं का नाम लेती हैं।
Dear @RahulGandhi , please give me only half a day of your life and I'll introduce you to many 1984 widows who have named congressmen in various commissions and the courts. 34 wretched yrs later, they have not succumbed to money or muscle power. Give me just half a day
— Harinder Baweja (@shammybaweja) August 25, 2018
नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री और अकाली नेता हरसिमरत कौर ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि अगर मैं राहुल के दिमाग से सोचूँ तो उनके पिता और दादी की हत्या नहीं हुई थी वो हार्ट अटैक से मरे थे।
राहुल गांधी ने खुद को बताया हिंसा का पीड़ित
ब्रिटेन की दो दिवसीय यात्रा पर आए गांधी ने ब्रिटेन के सांसदों और स्थानीय नेताओं की सभा में कल कहा कि यह घटना त्रासदी थी और बहुत दुखद अनुभव था लेकिन उन्होंने इससे असहमति जताई कि इसमें कांग्रेस ‘‘शामिल’’ थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मन में उसके बारे में कोई भ्रम नहीं है। यह एक त्रासदी थी, यह एक दुखद अनुभव था। आप कहते हैं कि उसमें कांग्रेस पार्टी शामिल थी, मैं इससे सहमति नहीं रखता। निश्चित तौर पर हिंसा हुई थी, निश्चित तौर पर वह त्रासदी थी।’’
बाद में प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में एक सत्र के दौरान जब उनसे सिख विरोधी दंगों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘जब मनमोहन सिंह ने कहा तो वह हम सभी के लिए बोले। जैसा मैंने पहले कहा था कि मैं हिंसा का पीड़ित हूं और मैं समझता हूं कि यह कैसा लगता है।’’
वह वर्ष 1991 में लिट्टे द्वारा उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का जिक्र कर रहे थे।
गांधी ने कहा, ‘‘मैं इस धरती पर किसी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा के विरुद्ध हूं। मैं परेशान हो जाता हूं जब मैं किसी को आहत होते देखता हूं। इसलिए मैं इसकी 100 प्रतिशत निंदा करता हूं और मैं किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा में शामिल लोगों को सजा देने के 100 फीसदी समर्थन में हूं।’’
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हिंसा नहीं झेली है, उन्हें लगता है कि हिंसा वही है जो फिल्मों में देखते हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है। मैंने उन लोगों को मरते देखा है जिन्हें मैं बहुत प्यार करता था। मैंने उस व्यक्ति (प्रभाकरन) को भी मरते देखा जिसने मेरे पिता को मारा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने जाफना (श्रीलंका) के तट पर प्रभाकरन को मृत देखा तो मुझे उसके लिए दुख हुआ क्योंकि मैंने उसकी जगह अपने पिता को देखा और मेरी जगह उसके बच्चों को देखा। इसलिए जब आप हिंसा से पीड़ित होते हो तो आप इसे समझते हो, यह पूरी तरह से आप पर असर डालती है।’’
गांधी ने कहा कि ज्यादातर लोग हिंसा को नहीं समझते जो खतरनाक बात है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)