फ्रांस के साथ हुए राफेल विमानों के सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल गई है। जिस पर आज (10 अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह बताए कि उसने राफेल डील को कैसे अंजाम दिया है।
साथ ही कोर्ट ने सरकार को कहा है कि 29 अक्टूबर तक वह डील होने की प्रक्रिया उपलब्ध कराए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को की जाएगी। राफेल डील से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिना नोटिस जारी किए केंद्र सरकार से निर्णय की प्रक्रिया को लेकर रिपोर्ट मांगी है जिसको अगली सुनवाई में पेश करना होगा।।
उल्लेखनीय है कि सरकार इसपर पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। बीते संसदीय सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भाषण करते हुए जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान की कमतों को लेकर बड़े सवाल खड़े किए थे। तक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल वीमानों की कीमतों को सार्वजनिक करने में दोनों देशों की गोपनीयता का हवाला देकर इसे जाहिर नहीं किया था।
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात का हवाला देकर निर्मला सीतारमण के दावों को खारिज किया था। लेकिन इसके बाद दोनों देशों की ओर से एक बयान जारी कर के राफेल डील को लेकर गोपनीयता का हवाला दिया गया।
लेकिन इसके बाद राफेल डील के वक्त के फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने यह कहकर मामले का तूल दे दिया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डील के लिए केवल एक ही कंपनी का नाम सुझाया था। यह कंपनी अनिल अंबानी की थी।
विपक्ष का आरोप है कि भारतीय सरकार ने जानबूझकर राफेल विमानों का सौदा अधिक पैसों में किया और फिर उसे बनाने की जिम्मेदारी अपने खास अनिल कंपनी को दिया। इसी मामले को आगे बढ़ाते हुए वकील विनीत ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है और राफेल विमानों की असल कीमत बताने की मांग की है।